कैट ने ये सारी बाते WhatsApp के विज्ञापन के आने के बाद कही है। कैट ने कहा की व्हाट्सअप ने मीडिया में विज्ञापन देकर इस मामले पर सफाई देने की कोशिश कर रहा है जो बेतुका और निहायत ही आधारहीन है। इस विज्ञापन में व्हाट्सअप ने हमारे द्वारा उठाये गए तथ्यों के विषय में कुछ नहीं कहा गया है। जिससे साफ पता चलता है कि दाल में कुछ काला अवश्य है।
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कैट ने इसके खिलाफ केंद्रीय आई टी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद को भेजे एक पत्र लिख इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार व्हाट्सऐप को नई नीति को 8 फरवरी से लागू न करने का निर्देश दे और तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तत्काल गहन तकनीकी ऑडिट कराये। क्यों कि इन सभी का मालिक एक ही है।
अपने पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि ये देखना बेहद जरूरी है की इन तीनों के बीच किस प्रकार डाटा अब तक साझा किया गया है और उसका क्या उपयोग हुआ है। इसके साथ ही कैट ने यह भी जांच करने के लिए कहा है कि इन कंपनियों ने जो डाटा देश के नागरिकों से लिया है वो भारत में ही सुरक्षित है या फिर किसी अन्य देश में भी भेज दिया है।
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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरति ने कहा की व्हाट्सएप देश के लोगों के अधिक से अधिक डेटा हासिल करने की मंशा से 8 फरवरी से अपनी नई गोपनीयता नीति लॉन्च करने के लिए तैयार है और ये लोगों की जबरन सहमति ले रहा है जो कि असंवैधानिक है, कानून का उल्लंघन है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इसे हर हाल में बैन करना जरूरी है।