LG GC Murmu Big reveal : कठिन परिस्थितियों में लिया गया Jammu-Kashmir से  Article-370 हटाने का फैसला

Article-370 हटने के बाद से Jammu-Kashmir में जबरदस्त विकास हुआ है।
जम्मू-कश्मीर Keran Sector के कुछ गांव के लोग 73 साल में पहली बार बिजली की चकाचौंध के बीच इस बार Independence Day मनाएंगे।

<p> Article-370 हटने के एक साल बाद Jammu-Kashmir के एलजी जीसी मुर्मू ने कहा &#8211; यहां पर जबरदस्त विकास हुआ है।</p>
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) के स्टेटस और स्थिति को लेकर वहां के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ( LG GC Murmu ) ने एक साक्षात्कार में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा-370 ( Article-370 ) को हटाने का फैसला बहुत ही विषम परिस्थितियों में लिया गया था।
बता दें कि केंद्र सरकार ( Central Government ) 5 अगस्त, 2019 को धारा-370 को पूरी तरह से रद्द कर दिया था। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा भी समाप्त हो गया था। केंद्र के उक्त फैसले का तीन दिनों बाद एक पूरा होने वाला है।
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि धारा-370 समाप्त होने बाद एक साल के अंदर इस केंद्र शासित प्रदेश ( Union Territory ) का जबरदस्त विकास ( Tremendous growth ) हुआ है। केरन सेक्टर ( Keran Sector ) के कुछ गांव के लोग यहां 73 साल में पहली बार बिजली देख रहे हैं।
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एलजी मुर्मू ने तीव्र विकास की गति को जारी रखने के लिए जम्मू और कश्मीर के लोगों की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि लोगों की असीम जनसहभागिता ( Public participation ) के बल पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विकास निर्बाध गति से जारी है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन ने युवा-उन्मुख कार्यक्रमों के साथ क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हुए मुर्मू ने कहा कि लोगों का रुख केंद्र के प्रति काफी बदला है। Covid-19 महामारी के कारण विकास कार्यों में कुछ व्यवधान उत्पन्न हुए हैं। इसके बावजूद जम्मू और कश्मीर में अब सामान्य स्थिति बनी रहती है।
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पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बारे में बात करते हुए एलजी जीसी मुर्मू ने कहा कि स्थिति का लगातार समीक्षा की जा रही है। उसी के मुताबिक हम नेताओं की रिहाई पर निर्णय लेंगे।
नेताओं की रिहाई को लेकर निश्चित दिशानिर्देश और प्रावधान हैं। पब्लिक सेफ्टी एक्ट ( PSA ) के तहत मुफ्ती की नजरबंदी शुक्रवार को तीन महीने बढ़ा दी गई। बता दें कि 5 अगस्त, 2019 के बाद फारूक अब्दुल्ला सहित मुफ्ती और कश्मीर के कई अन्य नेताओं को भी धारा-370 को निरस्त करने के बाद हिरासत में लिया गया था।
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