Atal Bihari Vajpayee Birthday: जब एक ‘लव लेटर’ ने बदल दी अटल की जिंदगी, इस वजह से नहीं की शादी

Atal Bihari Vajpayee की 96वीं जयंती आज
एक लव लेटर ने बदल थी अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी
राजकुमारी कौल को दिल दे बैठे थे अटल, लेकिन नहीं कर पाए शादी

<p>पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी </p>
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee Birthday ) की आज 96वीं जयंती है। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के एक ऐसे राजनेता रहे, जिनका विरोध उनके विरोधी भी नहीं करते थे। वे एक प्रखर वक्ता, दृढ़ राजनेता और कवि हृदय वाले व्यक्ति थे। लेकिन उनके अंदर एक प्रेमी भी छिपा था, ये उनके जीवन का अहम पक्ष भी था। यही वजह है कि उन्होंने अपने इस प्रेमी पक्ष के चलते कभी विवाह ही नहीं किया।
अपने इसी प्रेम के चलते अटल बिहारी ने एक लव लेटर भी लिखा, हालांकि उनका ये लेटर भी उन्हें विवाह की दहलीज पहुंचा नहीं पाया। आईए जानते हैं कैसे एक लव लेटर ने उनकी जिदंगी ही बदल दी।
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भारतीय राजनीति में अटल बिहार वाजपेयी और राजकुमारी कौल के संबंधों पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई है, लेकिन ये बात हर कोई जानता था कि राजकुमारी कौल की अटल बिहारी के जीवन में क्या जगह थी।
राजनीतिक हलकों में सबसे सुंदर प्रेम कहानी
अटल जी का कद राजनीति में इतना बड़ा था, विरोधी दल और मीडिया कभी उनकी जिंदगी में तांकझांक न कर सके। हालांकि बाद में कुछ लेखकों और वरिष्ठ पत्रकारों ने उनकी प्रेम कहानी को अपने अंदाज में बयां किया।
खास तौर पर वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर ने अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल के संबंधों को- देश के राजनीतिक हलके में घटी सबसे सुंदर प्रेम कहानी बताया है।
पत्रकार किंगशुक नाग ने अपने किताब में लिखा पब्लिश रिलेशन प्रोफेशनल सुनीता बुद्धिराजा के मिसेज कौल से अच्छे रिश्ते थे। एक दिन मिसेज कौल कुछ उदास थीं, तब उन्होंने सुनीता से अटल के साथ रिश्तों के बारे में बताया।
दोनों एक ही समय ग्वालियर के एक ही कॉलेज में पढ़े थे। ये 40 के दशक के बीच की बात थी। वो ऐसे दिन थे जब लड़के और लड़कियों की दोस्ती को अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता था। इसलिए आमतौर पर प्यार होने पर भी लोग भावनाओं का इजहार नहीं कर पाते थे।
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इसके बाद भी युवा अटल ने लाइब्रेरी में एक किताब के अंदर राजकुमारी के लिए एक लेटर रखा, लेकिन उन्हें उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। शायद अटल को भी नहीं पता था कि ये लेटर उनकी जिंदगी बदल देगा।
दरअसल राजकुमारी ने जवाब दिया था। जवाब किताब के अंदर ही रखकर अटल के लिए दिया गया था लेकिन वह उन तक नहीं पहुंच सका। इस बीच राजकुमारी के पिता ने उनकी शादी एक युवा कॉलेज टीचर ब्रिज नारायण कौल से कर दी और अटल बिहारी का प्रेम उस लव लेटर में सिमट कर रह गया।
डेढ़ दशक बाद हुई मुलाकात
राजकुमारी के विवाह के बाद अटल अपने जीवन में आगे बढ़ते गए। करीब डेढ़ दशक बाद वे सांसद बने और एक बार फिर राजकुमारी दिल्ली आईं। यहां दोनों की मुलाकात हुई।
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अटल के बंगले में रहने लगा कौल परिवार
एक आईएएस के मुताबिक जब वे लुटियंस जोन स्थित अटल के घर उनसे मिलने जाते थे, तो उन्होंने वहां कौल परिवार को रहते हुए देखा। हालांकि बाद में अटल कौल के कॉलेज वाले निवास में रहने आ गए थे।
क्षिण भारत के एक पत्रकार गिरीश निकम ने बताया था कि अटल जी जब प्रधानमंत्री नहीं थे, तब भी मैं उनके घर पर फोन करता था, तो वही फोन उठाती थीं और कहती थीं।
भले अटल बिहारी और मिसेज कौल काफी वक्त तक मिलते रहे लेकिन उस लव लेटर ने उनकी जिंदगी को बदल कर रख दिया। जिसके जवाब के इंतजार में अटल ने शादी ना करने का फैसला किया।
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