Must Read: पेट्रोल या डीजल में कौन से फ्यूल वाली कार रहेगी आपकी जेब पर हल्की, ऐसे जानें राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने “गौ उद्यमिता” को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी पहल के तहत वाहनों के लिए गाय के गोबर पर आधारित सीएनजी पंपों, बैल वीर्य बैंकों और गौ पर्यटन का प्रस्ताव रखा।
आयोग द्वारा वेबसाइट पर दिए गए विवरण के मुताबिक, “राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के कई वेबिनार में गाय उद्यमिता अवधारणा पर चर्चा हुई। दुनिया भर में कई उद्यमियों ने नई-पुरानी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इन सदाबहार संभावनाओं की खोज शुरू कर दी है।”
वेबसाइट में आगे लिखा गया, “बायोगैस का इस्तेमाल ईंधन के रूप में लंबे समय से किया जा रहा है। उन्हें सिलेंडर में भरा जाता है और खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गाय के गोबर से प्राप्त ऊर्जा का इस्तेमाल परिवहन में भी किया जा सकता है। इसे बड़े पैमाने पर पैदा करके व्यक्ति सीएनजी पंप स्थापित कर सकता है। परिवहन उद्योग सस्ता और आसानी से उपलब्ध मेड-इन-इंडिया ऊर्जा उपलब्ध कराएगा।”
Must Read: कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना गौरतलब है कि दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें बढ़कर 82.29 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 79.70 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुकी हैं। इसी तरह राजस्थान और मध्य प्रदेश के रूप में भारत के अन्य हिस्सों में पेट्रोल की कीमतें पहले से ही 100 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड से आगे पहुंच गई हैं।
केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग के अंतर्गत आने वाले आयोग ने दावा किया है कि गाय के गोबर से भारी मुनाफा हो सकता है और व्यापार के आकर्षक अवसर मिल सकते हैं। गौ पर्यटन के हिस्से के रूप में आयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए “गाय को गले लगाने” के विचार के बारे में बात करता है। भारत में इसने कहा कि ‘गाय पर्यटन’ की अवधारणा गति प्राप्त कर रही है।
Must Read: कार मालिकों के लिए खुशखबरी, इस कंपनी ने जारी किया बेहद सस्ता कार मेंटेनेंस प्रोग्राम गाय पर्यटन के बारे में आयोग के मुताबिक, “एक ऐसी जगह जहां गायों के आर्थिक, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय लाभों का प्रदर्शन किया जाए। राजस्थान में गोबर से पुती दीवारों और फर्श के साथ अतिथि गृह हैं। इनमें केवल जैविक खाद्य पदार्थ परोसे जाते हैं। ऐसे स्पॉट विदेशियों को आकर्षित कर रहे हैं, जो कुछ दिन बिताने के बाद कायाकल्प करते हैं। इस सेगमेंट में रचनात्मक व्यावसायिक विचारों की सीमा अनंत है।”