NEP2020: छठी कक्षा में कोडिंग, संस्कृत पर जोर, Board Exam समेत स्कूली शिक्षा में बदलाव की पूरी जानकारी इसके साथ ही देश भर में तमाम स्कूलों के अभिभावकों द्वारा इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) को एक चिट्ठी भी भेजी गई है। यह बात केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा स्कूलों को खोले जाने को लेकर मांगे गए सुझावों में उभरकर सामने आई है।
मौजूदा भय के माहौल के बीच अभिभावक चाहते हैं कि स्कूलों में पूरे शैक्षणिक सत्र को ही जीरो सेशन माना जाए। सेशन को जीरो करने की मांग पर अभिभावकों ने सहमति जताई है। दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों को खोले जाने के मामले में अभिभावकों की राय जानने की कोशिश करें।
अखिल भारतीय अभिभावक संघ ( All India Parents Association ) के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ( Ashok Agrawal ) ने कहा, “हमने शिक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री मोदी के सामने मुख्य रूप से तीन विषय पेश किए हैं। इनमें सबसे जरूरी विषय है कि जब तक कोरोना वायरस महामारी पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं कर लिया जाता, तब तक स्कूलों को नहीं खोलना चाहिए।”
#NEP2020: IITs में Arts-Humanities की पढ़ाई और कॉलेजों की Fees फिक्स, ये कोर्स खत्म अग्रवाल ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के अलावा देशभर के सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी हमने ऐसे ही पत्र भेजे हैं। अभिभावकों के इस संघ ने सरकार से मांग की है कि इस शैक्षणिक सत्र को शून्य अकादमिक सत्र घोषित कर दिया जाए। सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाए। इसके बाद अगले अकादमिक वर्ष के पाठ्यक्रम को इस तरह से मॉडिफाई कर दिया जाए कि छात्र उसे आसानी से समझ सकें और अपनी पढ़ाई कर सकें।”
अभिभावक संघ के मुताबिक, “हम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को यह बात स्पष्ट रूप से बता चुके हैं कि कोरोना वायरस महामारी के इस माहौल में किसी भी कीमत पर हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेंजगे। दिल्ली सरकार को भी संघ ने अपने इस फैसले से अवगत करा दिया है।”