वकील विनय वत्स ने सीजेआई ( CJI )को एक पत्र केजरिए याचिका भेजी। इस याचिका में उन्होंने AIMPLB पर जजों की निष्पक्षता और ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है। याचिका में इस मामले को सर्वोच्च न्याया के संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने की बात कही गई है।
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पूरा देश जब पांच वर्ष बाद एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने की तैयारी में जुटा था, तो कुछ ऐसा हुआ जिसने इस जश्न की तैयारी में खलल डालने की कोशिश की। दरअसल राम मंदिर भूमि पूजन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक विवादित ट्वीट कर डाला।
पूरा देश जब पांच वर्ष बाद एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने की तैयारी में जुटा था, तो कुछ ऐसा हुआ जिसने इस जश्न की तैयारी में खलल डालने की कोशिश की। दरअसल राम मंदिर भूमि पूजन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक विवादित ट्वीट कर डाला।
इस ट्वीट में AIMPLB ने कहा था- बाबरी मस्जिद थी और हमेशा के लिए एक मस्जिद रहेगी। हालांकि विवाद होने के बाद इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया था। इस ट्वीट में आगे लिखा था कि हागिया सोफिया हमारे लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निर्धारण निर्णय इसे बदल नहीं सकता है। दिल टूटने की जरूरत नहीं है, स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है।
इस विवादित ट्वीट ने जैसे ही तूल पकड़ना शुरू किया खुद एआईपीएलबी के सचिव ने इस पर सफाई दे डाली। बोर्ड के सचिव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने सफाई देते हुए कहा कि ये ट्वीट महासचिव की मंजूरी के बिना किया गया था, इसीलिए इसे डिलीट कर दिया गया है। यही नहीं जिलानी ने ये भी कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।
लॉकडाउन के दौरान इस राज्य के राज्यपाल ने लिख डालीं 13 किताबें, अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं 121 किताबें, जानें कैसे लिखीं इतनी किताबें हालांकि इसके बाद भी इस मामले को लेकर वकील विनय वत्स ने सीजेआई अरविंद बोबडे को एक पत्र के जरिए याचिका भेजी। इसमें इस मामले को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई की मांग की गई है।