ममता सरकार व निर्वाचन आयोग का एसिड टेस्ट

पश्चिम बंगाल में सोमवार को होने वाला पंचायत चुनाव राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के लिए एसिड टेस्ट होगा।


– पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट की नजर
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में सोमवार को होने वाला पंचायत चुनाव राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के लिए एसिड टेस्ट होगा। त्रिस्तरीय पंचायतों के 58,692 सीटों पर निर्विघ्न और शांतिपूर्ण चुनाव कराना सरकार, आयोग के साथ साथ मतदानकर्मियों के लिए चुनौती है। राज्य के 20 जिलों में चुनाव की तत्परता जोरों पर रही। रविवार सुबह से ही राज्य के विभिन्न गांवों में सुरक्षा बलों का रूट मार्च जारी है। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की खण्डपीठ ने अपने फैसले में यह कहा था कि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो, तभी चुनाव कराए जा सकते हैं। सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार के प्रति भरोसा करते हुए ही आयोग ने तीन चरण के मुकाबले एक चरण में (14 मई, सोमवार) चुनाव कराने का निर्णय लिया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने को लेकर मुख्य सचिव मलय दे से टेलीफोन पर बात भी की।
सुरक्षा व्यवस्था बनी चुनौती-
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के परोक्ष निगरानी में होने वाले पंचायत चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था बड़ी चुनौती बनी हुई है। कारण हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने इस संदर्भ में आयोग को निर्देश दिया था। कारण शांतिपूर्ण और निर्विघ्न चुनाव कराने की मांग पर विरोधी दलों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मतदान के दिन की सुरक्षा व्यवस्था में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राज्य में यह पहला मौका है जब पंचायत चुनाव में कारा विभाग, आबकारी विभाग, वन विभाग के अलावा भारी संख्या में सिविक वालंटियरों को विभिन्न बूथों पर तैनात किया जा रहा है।
जंगलमहल में विशेष प्रशिक्षित वाहिनी-
राज्य सरकार ने कभी माओवादियों के प्रभाव वाले झाडग़्राम में विशेष प्रशिक्षित वाहिनी को तैनात करने का निर्णय लिया है। इन्हें माओवादियों का दमन करने का प्रशिक्षण प्राप्त है। पश्चिम मिदनापुर के केशियारी, केशपुर, गड़बेता जैसे इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
जिलों में रूट मार्च-
पंचायत चुनाव के प्रति ग्रामीण जनता को आश्वस्त करने की प्रक्रिया के बीच सश बलों का रूट मार्च तेज हो गया है। इस क्रम में जगह-जगह नाका चेकिंग के अलावा राज्य के सीमाई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
जलपथ से निगरानी-
पूर्व मिदनापुर जिले में स्थल के अलावा जलपथ से भी निगरानी जारी है। सुबह से ही विभिन्न फेरी सर्विस वाले घाटों पर तलाशी अभियान चल रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था पर एक नजर-
-राज्य पुलिस-46,000
-कोलकाता पुलिस-10,000
-वन, आबकारी व कारा विभाग- 2000
– सिक्किम, ओडिसा, तेलंगाना व आंध्र प्रदेश-2000
– मतदानकर्मी- 2.4 लाख
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