एेसी एक 12 साल की छात्रा ने अपने बचत के 48 हजार रुपए खर्च कर तीन प्रवासी श्रमिकों (Migrant Workers) को फ्लाइट (Flights) से झारखंड (Jharkhand) पहुंचाया। छात्रा निहारिका द्विवेदी (Niharika Dwivedi) न कहा कि सोसाइटी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। अब उनकी जिम्मेदारी भी बनती है कि इस आपदा की घड़ी में उसे लौटाएं। निहारिका दि्वेदी ने बचत के पैसों से तीन प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य झारखंड हवाई रूट के जरिए फ्लाइट से भेजने का इंतजाम किया है। निहारिका की इस पहल की लोग प्रशंसा कर रहे हैं।
48000 रुपए से हवाई टिकट खरीद कर मजदूरों को भेजा घर कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों के लिए निहारिका किसी देवदूत की तरह बनकर सामने आई है। उसने अपनी बचत के 48000 रुपए से हवाई टिकट खरीद कर प्रवासी मजदूरों को फ्लाइट् से झारखंड भेजने का इंतजाम किया है। निहारिका की इस मदद से तीन श्रमिक न केवल अपने घर पहुंच सके हैं, बल्कि उन्हें पहली बार फ्लाइट में बैठने का भी मौका मिला। निहारिका उनकी मदद कर काफी खुश हैं। निहारिका ने कहा, समाज ने हमें बहुत दिया है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे संकट में हम इसे वापस करें।
गौरतलब है कि दिल्ली के एक किसान ने अपने यहां काम कर रहे श्रमिकों को हवाई मार्ग के जरिए झारखंड पहुंचाया था। वहीं इससे पहले नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु के पूर्व छात्रों ने चंदा कर मुंबई में फंसे 180 मजदूरों को फ्लाइट से रांची भेजा था। छात्रों को जब पता चला कि कुछ मजदूर मुंबई आईआईटी के पास फंसे हैं और उनके पास पैसे नहीं हैं तो उन्होंने उनकी मदद करने की योजना बनाई। सभी छात्रों ने पैसे जुटाए। इसमें उनकी मदद एनजीओ और पुलिस ने भी की। इस तरह से सभी को फ्लाइट के माध्यम से झारखंड भेजा गया। हालांकि, छात्रों ने इस मदद के लिए अपने-अपने नाम उजागर नहीं किए। उनका कहना था कि यह मदद उन्होंने नाम कमाने के लिए नहीं की है। वहीं फिल्म कलाकार सोनू सूद ने भी बहुत से प्रवासी लोगों को उनके घरों में पहुंचाने के अच्छे काम के लिए सुर्खियों में हैं.