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यूपीडा इस एक्सप्रेस-वे को पीपीपी मॉडल के तहत डीबीएफओटी ( डिजाइन, बिड, फाइनेंस, ऑपरेट ट्रांसफर ) पद्धति पर निर्माण कंपनियों का चयन करेगी। अभी तक देश-विदेश की 11 प्रतिष्ठित कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट में अपनी इच्छा जताई है। इनमें मलेशिया की आईजेएम कारपोरेशन व दक्षिण कोरिया की इनटोपिया बढत बनाए हुए हैं। इन सभी 11 कंपनियों को गंगा एक्सप्रेस-वे की साइट का दौरा कराया जाएगा ताकि वह काम की महत्ता व व्यापकता को समझ लें। इसके बाद इच्छुक कंपनियों से बिड मांगी जाएगी। यह भी पढ़ें
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निर्माण कार्य के लिए फंड जुटाने व आगे की वित्तीय व्यवस्था के लिए वित्तीय सलाहकार कंपनी एसबीआई कैपिटल की सलाह ली जा रही है। जून तक 90 प्रतिशत जमीन खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। योगी सरकार की मंशा है कि इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने की तैयारी कर रही है। संभव है कि इसी के साथ प्रदेश सरकार की दूसरी महत्वाकांक्षी परियोजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर का भी शिलान्यास करा दिया जाए। करीब 600 किमी के इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर स्टोन बाउंड्री का काम भी जल्द शुरू होना है। इस पर 401 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। यूपीडा ने इच्छुक निवेश्कों से इसके लिए बिड आमंत्रित किए हैं। ये भारतीय कंपनियां रेस में
दो विदेशी कंपनियों के अलावा 9 भारतीय कंपनियां भी गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए रेस में हैं। इनमें वेल्सनपन इंटरप्राइज, अडानी रोड ट्रांसपोर्ट, मोंटेकार्लो, ग्वार कांस्ट्रक्शन,पीएनसी इंफ्राटेक, प्रकाश एंड टोल हाइवे इंडिया, आरेयिंटल स्ट्रक्चरल प्राइवेट लिमिटेड, अशोका बिल्डकान, आयरकान इंटरनेशनल शामिल हैं।
दो विदेशी कंपनियों के अलावा 9 भारतीय कंपनियां भी गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए रेस में हैं। इनमें वेल्सनपन इंटरप्राइज, अडानी रोड ट्रांसपोर्ट, मोंटेकार्लो, ग्वार कांस्ट्रक्शन,पीएनसी इंफ्राटेक, प्रकाश एंड टोल हाइवे इंडिया, आरेयिंटल स्ट्रक्चरल प्राइवेट लिमिटेड, अशोका बिल्डकान, आयरकान इंटरनेशनल शामिल हैं।
गंगा एक्सप्रेस वे की ये होगी खासियत
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू 36410 करोड़
एक्सप्रेस-वे परियोजना 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर गुजरेगी
मेरठ से शुरु होकर हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बंदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ पर होते हुए प्रयागराज पर समाप्त होगा।