यह भी पढ़ें
बदलने लगे हालात जिन अस्पतालों में आती थी रोने की आवाजें अब वहां पसरा सन्नाटा
यह बातें पश्चिमी उत्तर प्रदेश अधिवक्ता संघ के मेरठ यूनियन के अध्यक्ष और गददी समाज वेलफेयर के अध्यक्ष अब्दुल वाहब ने हजारा बीवी की पुण्य तिथि के मौके पर आयोजित एक वेबिनार में कहीं। इस वेबिनार में देश भर से बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इस दौरान अब्दुल वहाब ने कहा कि आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का झंड़ा बुलंद करने वाली महिलाओं में से एक नाम हजारा बीवी का भी है वह इंदौर जिले के गांव में पैदा हुई उनके पति मौहम्मद इस्माइल गांधी जी के काफी नजदीक रहे। आजादी की लड़ाई व खादी आंदोलन में वह बराबर के भागीदार थे। पति से प्रभावित होकर हजारा बीवी ने भी हमेशा खादी पहनी और हिंद की आजादी में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि 1948 में हजारा बीबी के पति का देहांत हो गया। पति के देहांत से हजारा बीवी के हौसले पस्त नहीं हुए बल्कि इरादे और बुलंद हुए और उन्होंने इस लड़ाई को बढ़-चढ़कर अगले अंजाम तक पहुंचाया। यह भी पढ़ें