गजब! कहीं बांधे जा रहे पशु तो कहीं केंद्र के भीतर और बाहर लगा कूड़े का ढेर

आंगनबाड़ी केंद्रों को साधन संपन्न बनाने के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। जिससे उनकी स्थिति में सुधार किया जा सके। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं।

मेरठ. बीते बुधवार को कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में जिले के 251 आंगनबाड़ी केंद्रों को साधन सपन्न बनाने के लिए प्री स्कूल किट के वितरण की थी। जिसके बाद ये चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मेरठ मंडल के जिलों बागपत और मेरठ की बात करें तो इन जिलों के चंद आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत अत्यंत खराब है। आंगनबाड़ी केंद्रों के जर्जर होने की बात तो अलग हो गई। एक केंद्र तो ऐसा है जहां पर पंचायत भवन और बरातघर में आंगनबाड़ी चल रहे हैं।
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गौरीपुर आंगनबाड़ी केंद्र में बांधे जा रहे पशु
जनपद के गौरीपुर में तीन आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें एक को यमुना के किनारे श्मशान घाट के पास बनाया गया है। इस आंगनबाड़ी केंद्र का ताला ही नहीं खुलता है। केंद्र के अंदर पशुओं को बांधा जाता है। अन्य दो केंद्रों के लिए भवन नहीं होने के कारण एक कार्यकर्ता अपने घर के एक कमरे में केंद्र चलाती है। उसमें ही दोनों केंद्रों के बच्चे बुलाए जाते हैं और कोई सुविधा नहीं होने के कारण बच्चे नीचे बैठाए जाते हैं। इसके साथ ही मोदीपुरम में पल्हैड़ा गांव स्थित आंगनबाड़ी भवन जर्जर हालत में है। चहुंओर कूड़े के ढेर लगे हैं। नगर निगम में शामिल पल्हैड़ा के आंगनबाड़ी का हाल प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही को भी उजागर कर रहा है।

सिसाना गांव में एक आगनबाड़ी भवन में चलाए जा रहे दो केंद्र
इसके साथ ही सिसाना गांव में आंगनबाड़ी के भवन में दो केंद्र चलाए जा रहे हैं। जहां एक केंद्र में 26 व दूसरे में 20 बच्चे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र खुलने का समय सुबह नौ बजे से एक बजे तक है, लेकिन उसे सुबह के समय नहीं खोला जाता है। वहीं दोपहर को घंटे भर पहले ही बच्चों को भेज दिया जाता है। हालांकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना था कि केंद्र में रखरखाव का कार्य चल रहा है, इसलिए बच्चों को जल्दी भेज दिया गया। वहीं इस पूरे मामले पर जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन मैत्रेय ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र काफी समय से नहीं खुल रहे थे, इसलिए कुछ समस्या हो सकती है। अब व्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है और सभी केंद्रों को दिखवाकर व्यवस्था ठीक कराई जाएगी।

सप्ताह में दो दिन खुलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र- जिला कार्यक्रम अधिकारी
वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी मेरठ विनीत कुमार ने बताया कि प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने की तैयारी चल रही है। कोरोना की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र बंद थे। अब सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को खोलने के आदेश आए हैं। स्कूल परिसरों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री-प्राइमरी स्कूल चलाने की सरकार की योजना है।
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