Sunday Lockdown: फिर थम सी गई जिंदगी की रफ्तार, सड़कों पर पसरा सन्नाटा, घरों में कैद हुए लोग

sunday lockdown in up guidelines
Sunday Lockdown को आठ महीने बाद फिर दिखे बुरे हालात। पुलिस की सख्ती के चलते लोग सुबह से घरों में कैद। शनिवार को देर शाम तक बाजारों में हुई जमकर खरीदारी।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ। sunday lockdown in up guidelines. करीब सात महीने बाद मेरठ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में रविवार को वीकली लाकडाउन (sunday weekly lockdown) के दौरान जिंदगी की रफ्तार जैसे थम सी गई है। सड़कों पर पुलिस की सख्ती के चलते लोगों ने रविवार (sunday lockdown) घर पर ही बिताने में अपनी भलाई समझी। हालांकि इस दौरान कुछ इक्का दुक्का लोग सड़कों पर दिखाई दिए। लेकिन वे भी अपने जरूरी काम से निकले हुए थे। वीकली लॉकडाउन में पूरी तरह से दुकानें भी बंद रहीं और बाजार में कर्फ्यू जैसी स्थिति देखी गई।
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बता दें कि मेरठ में कोरोना संक्रमण के मामले 700 से अधिक पहुंच चुके हैं। रविवार को पूरे जिले में सन्नाटे का आलम है। न ट्रेन और न ही बसें। फिलहाल सोमवार की सुबह 7 बजे तक यह लॉकडाउन जारी रहेगा। इस बीच, पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में कई लोगों के चालान भी काटे। इस लॉकडाउन से चारों ओर जीवन थम-सा गया है।
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बाजार में शनिवार को रही अफरातफरी :—

मेरठ में अधिक संख्या में कोरोना से पीड़ित मरीजों के सामने आने के बाद ही राज्य में महामारी अधिनियम लागू कर दिया है। लेकिन उसके बाद हालात बिगड़ते देख कर सरकार ने प्रमुख महानगरों में लॉकडाउन का फैसला किया था। इनमें मेरठ भी शामिल हैं। लॉकडाउन से पहले शनिवार को बाजार खुलने पर लोग आतंकित होकर खाने-पीने के सामानों की खरीदारी करते नजर आए इस वजह से आलू-प्याज और ब्रेड समेत कई जरूरी चीजें दो घंटे के भीतर ही बाजारों से गायब हो गईं। एक सब्जी विक्रेता राजकुमार ने बताया कि “मैं तीस साल से यह काम कर रहा हूं. इससे पहले भी कई बार बंद, हड़ताल और कर्फ्यू देखा है। लेकिन लॉकडाउन पहली बार देख रहा हूं।” वह बताते हैं कि लॉकडाउन का सही मतलब नहीं जानने की वजह से लोग आतंकित होकर अधिक स्टॉक जुटाने में लगे हैं। नतीजतन कीमतें काफी बढ़ गई हैं।
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