यह भी पढ़ेंः Janta Curfew: कोरोना से जंग के लिए 31 टीमें तैयार, इस खास किट को पहनकर पुलिस रहेगी तैनात रविवार को सुबह सात से रात नौ बजे तक के जनता कर्फ्यू के मद्देनजर लोगों ने सुबह से ही बाहर निकलने से परहेज किया। मेरठ में सुबह सात बजते ही शहर के विभिन्न इलाकों, सार्वजनिक स्थलों, गल्ली-मोहल्लों में सूनापन दिखाई पड़ा। करीब 11 बजे मेरठ की कमिश्नर अनिता सी. मेश्राम, एडीजी जोन प्रशांत कुमार, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम मेरठ अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी शहर के बेगमपुल स्थित पुलिस चौकी पर पहुंचे और मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। कमिश्नर ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लोग घर पर ही हैं। उन्होंने लोगों का धन्यवाद देते हुए आगे के कुछ दिनों में भी कोरोना से बचाव के लिए इसी तरह सहयोग करने की अपील की। नगर निगम की टीमों ने भी शहर के प्रमुख चैराहों और सड़क के किनारे छिड़काव किया, ताकि संक्रमण से लोग बच सके। जो लोग घूमने के इरादे से अपने वाहन लेकर निकले, पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और उनका चालान किया। सभी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी प्रमुख चैराहों पर लगाई गई थी। इन्होंने उन लोगों को जरूर रोका, जिन्होंने मास्क नहीं लगा रखा था, इन्होंने लोगों को हिदायत देकर आगे बढ़ने दिया।
यह भी पढ़ेंः मुस्लिम धर्म गुरुओं ने Corona के खिलाफ जंग में Janta Curfew के लिए मांगा समर्थन, घर से बाहर नहीं निकलने की अपील मेरठ के अलावा मंडल के अन्य जनपदों बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर और हापुड़ में भी यहां के डीएम और एसएसपी के नेतृत्व में प्रशासनिक व पुलिस अफसरों ने सड़कों पर निकलकर निगरानी रखी। यहां भी जो लोग घूमने के मकसद से घर से बाहर निकले, उनके चालान काटे गए। जो लोग बिना मास्क के निकले, उन्हें मास्क लगाकर बाहर निकलने की हिदायत दी गई। बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, बाजार, माॅल्स, सिनेमाघर, पेट्रोल पंप समेत सभी सरकारी और गैरसरकारी संस्थान बंद रहे। प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू का लोगों ने पूरा समर्थन दिया और मंडल के सभी जनपदों में शहर से लेकर गांव तक सन्नाटा पसरा रहा।