मेरठ

यूपी: पंचायत का अदालती फरमान दो लाख जुर्माना लगाकर हत्यारोपियों को किया माफ, पुलिस को नहीं भनक

यूपी के मेरठ में एक कथित पंचायत ने दो लाख रुपये में हत्या की सजा माफ कर दिए जाने का फैसला सुनाया है। थाना फलावदा के महलका में चौकीदार की हत्या हुई थी। इस मामले में हत्यारोपियों को दो लाख में अभयदान दे दिया गया।

मेरठAug 02, 2021 / 12:37 pm

shivmani tyagi

पंचायत

मेरठ . पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों की पंचायतें अपने अजब-गजब फैसलों को लेकर पहले से ही चर्चित रही हैं अब नया मामला दो लाख रुपये में हत्या की वारदात काे माफ कर दिए जाने का सामने आया है।
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( up crime ) थाना फलावदा क्षेत्र के गांव महलका में एक चौकीदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। चौकीदार की मौत के बाद गांव में पंचायत बुलाई गई। पंचायत ने चौकीदार की जान की कीमत दो लाख रुपये लगा दी। यानी चौकीदार की हत्या के आरोपियों से दो लाख रुपये मौके पर ही उसके परिजनों को दिला दिए गए। पंचायत ( panchayat ) से आरोपियों को अभयदान मिलने के बाद मामला रफादफा करवा दिया गया। इस पूरे मामले में पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी गई। पंचायत ने पीडित परिजनों से कहा कि अब पुलिस के पास जाने की कोई जरूरत नहीं है।
ये था मामला
महलका में एक चौकीदार मीनू रहता था। वह थाने में चौकीदारी करता था। चौकीदार मीनू शराब का आदी था और शनिवार को भी दारू पीकर गांव में गया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शनिवार रात जब चौकीदार मीनू गांव की एक मंदबुद्धि किशोरी को सहानुभूति के तौर पर कुछ पैसे दे रहा था, तभी किशोरी के परिजन वहां पहुंच गए। चौकीदार पर बदनीयति का आरोप लगाकर उसकी पिटाई कर दी, जिससे चौकीदार को काफी गंभीर चोटें आई। घायल चौकीदार को अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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इस मामले में परिजनों ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के प्रयास किया लेकिन दबंगों ने उन्हें रोक दिया। मामला आपस में बातचीत के जरिए निपटा लेने की कवायद शुरू कर दी गई। रात को ही चौकीदार का शव दफना दिया गया। ग्रामीणों के मुताबिक मामले में लीपापोती करने के लिए गांव में पंचायत बुलाई गई जिसमें आरोपियों पर दो लाख रुपये चौकीदार के परिजनों को देने का फरमान जारी किया गया। दो लाख रुपये के एवज में चौकीदार मीनू की हत्या के आरोपियों को अभयदान दे दिया गया। यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर, फलावदा थानाध्यक्ष शिववीर भदौरिया का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई लिखित सूचना नहीं मिली है। सीओ उदय प्रताप ने बताया कि परिवार वालों ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। परिवार वालों ने ही बताया था कि चौकीदार मीनू शराब का आदी था। यदि कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई होगी।
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