यह भी पढ़ेंः Lockdown: गरीबों और बेजुबानों के लिए मसीहा से कम नहीं पुलिस, इस तरह की जा रही इनकी मदद कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि संकट की इस घड़ी में मुल्क को कोरोना वायरस से बचाना है। उन्होंने कहा कि अल्लाह की दया और प्रेम का बखान करने वाले ऐसे बहुत से लोग हैं जो अल्लाह की खुशी के लिए अपन जीवन दांव पर लगा देते हैं। इस समय हमें ऐसे लोगों की जरूरत है। जो लोग कोरोना वायरस से लडऩे के लिए घर में ही रहकर दूसरे लोगों की मदद कर सकते हैं। अगर हम खुद बच गए तो समझ लो कि दूसरों को भी बचा लेंगे। इससे अल्लाह अपने भक्तों पर दया रखता है।
यह भी पढ़ेंः ट्यूमर से पीड़ित बच्चे को दिल्ली से मेरठ पैदल ला रहा था पिता, पुलिस की दरियादिली देखकर उसकी आंखें भर आईं उन्होंने कहा कि वह वास्तव में पूरी तरह से दयावान और बहुत ही उदार है। आज अगर परिस्थिति मुल्क की खराब है तो वह भी जल्दी अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि भगवान से डरने की बात कयामत के दिन उसके प्रतिहिंसा और प्रतिकारी न्याय के उदेश्य से नहीं कही गई है। इसी प्रकार जगत के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वे अतिवाद, चरमपंथ और भेदभाव तथा नफरत फैलाने वाले निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर प्यार, करुणा, सद्भावना एवं मानवीय मूल्यों का प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कहा कि आज मुल्क के सामने जो परिस्थिति है। उसमें सभी हिन्दुस्तानी है। उन्होंने कहा कि अपने प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर सभी 21 दिनों तक घरों में रहें। अल्लाह और ईश्वर से प्रार्थना करते रहें कि ये कोरोना जैसी बला देश से टल जाए।