मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की जुमे पर मस्जिद में नहीं जाने की अपील, घर पर ही नमाज पढ़ने को कहा

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कारी शफीकुर्रहमान ने मुस्लिम समुदाय से किया अनुरोध
कहा- संकट की इस घड़ी में सभी मुल्कवासी आएं एक साथ
ईश्वर और अल्लाह से प्रार्थना करें कि जल्द कोरोना बला टले

<p>File Photo of Namaz in Banda</p>
मेरठ। लॉकडाउन के चलते जिले के सभी धार्मिक स्थलों पर ताले लगे हुए हैं। जुमे की नमाज को देखते हुए कारी शफीकुर्रहमान ने जिले के मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे घरों पर ही नमाज अदा करें। इस दौरान कहीं भी किसी मस्जिद में भीड़ एकत्र न करें।
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कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि संकट की इस घड़ी में मुल्क को कोरोना वायरस से बचाना है। उन्होंने कहा कि अल्लाह की दया और प्रेम का बखान करने वाले ऐसे बहुत से लोग हैं जो अल्लाह की खुशी के लिए अपन जीवन दांव पर लगा देते हैं। इस समय हमें ऐसे लोगों की जरूरत है। जो लोग कोरोना वायरस से लडऩे के लिए घर में ही रहकर दूसरे लोगों की मदद कर सकते हैं। अगर हम खुद बच गए तो समझ लो कि दूसरों को भी बचा लेंगे। इससे अल्लाह अपने भक्तों पर दया रखता है।
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उन्होंने कहा कि वह वास्तव में पूरी तरह से दयावान और बहुत ही उदार है। आज अगर परिस्थिति मुल्क की खराब है तो वह भी जल्दी अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि भगवान से डरने की बात कयामत के दिन उसके प्रतिहिंसा और प्रतिकारी न्याय के उदेश्य से नहीं कही गई है। इसी प्रकार जगत के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वे अतिवाद, चरमपंथ और भेदभाव तथा नफरत फैलाने वाले निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर प्यार, करुणा, सद्भावना एवं मानवीय मूल्यों का प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कहा कि आज मुल्क के सामने जो परिस्थिति है। उसमें सभी हिन्दुस्तानी है। उन्होंने कहा कि अपने प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर सभी 21 दिनों तक घरों में रहें। अल्लाह और ईश्वर से प्रार्थना करते रहें कि ये कोरोना जैसी बला देश से टल जाए।
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