520 साल बाद बन रहा विशेष योग, इन 10 चीजों का करेंगे दान तो बदल जाएगी किस्मत

Highlights:
-10 चीजों का करेंगे दान तो होगा महाकल्याण
-आगामी 1 जून को मनाया जाएगा गंगा दशहरा
-इस दिन दान का है अति विशेष महत्व

मेरठ। आगामी 1 जून को गंगा दशहरा लग रहा है। इस बार गंगा दशहरा पर 520 साल बाद ऐसे योग लग रहे हैं। जो गंगा अवतरण के दौरान बने थे। पंडित भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि इसका महत्व और अधिक इसलिए बढ जाता है कि इन योगों के बीच अगर 10 चीजों का दान किया जाए तो महाकल्याण होगा। ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने के बाद दान का अति विशेष महत्व है।
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ज्‍योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार धार्मिक मान्यता है कि गंगा नाम के स्मरण मात्र से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं। हिन्दू धर्म में इस नदी को सबसे पवित्र नदी माना गया है। कोरोना महामारी के दौर में गंगा स्‍नान संभव नहीं है तो दान से इस पर्व पर पुण्‍य अर्जित कर सकते हैं। गंगा दशहरा के दिन किसी भी नदी में स्नान करके दान और तर्पण करने से मनुष्य जाने- अनजाने में किए गए कम से कम दस पापों से मुक्त होता है। इन दस पापों के हरण होने से ही इस तिथि का नाम गंगा दशहरा पड़ा है।
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गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्त्व है। इस दिन दान में सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दुगुना फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरा के दिन श्रद्धालु जन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें, उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है। गंगा पूजा में सभी वस्तुएं दस प्रकार की होनी चाहिए। जैसे- दस प्रकार के फूल, दस गंध, दस दीपक, दस प्रकार के नैवेद्य, दस पान के पत्ते, दस प्रकार के फल आदि, छाता, सूती वस्त्र, टोपी-अंगोछा, जूते-चप्पल आदि दान में देने चाहिए।
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