Janta Curfew: मेरठ के प्रमुख मंदिरों में नहीं पहुंचे श्रद्धालु, अपने घर में ही की पूजा-अर्चना

Highlights

श्री औघडनाथ मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों में रहा असर
1857 की क्रांति का केंद्र बिन्दु रहा था औघडनाथ मंदिर
मंदिर में सुबह से ही लगती है भोले के भक्तों की भारी भीड़

मेरठ। जनता कर्फ्यू का असर मेरठ के मंदिरों में भी दिखाई दिया। जिन मंदिरों में सुबह पांच बजे से ही घंटों और घडियालों की आवाजें गूंजनी शुरू हो जाती हैं, शंखों की ध्वनि वातावरण को भक्तिमय बनाती है, उन मंदिरों में आज सुबह से ही खामोशी छाई रही। भगवान की पूजा करने के लिए आने वाले भक्तों की चहल-पहल से गूंजने वाले प्रमुख मंदिर रविवार को बिल्कुल शांत रहे।
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इन मंदिरों में देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक भगवान औघड़नाथ का मंदिर भी है। जहां पर सुबह से ही मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है। मंदिर परिसर में इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। सुबह आठ बजे हालांकि मंदिर परिसर खुला हुआ था, लेकिन भक्त घरों में ही भगवान का ध्यान करते रहे। विश्व प्रसिद्ध औघड़नाथ मंदिर 1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का बड़ा केंद्र रहा था। यहीं से 10 मई 1857 के दिन आंदोलन की प्रथम चिंगारी उठी थी। आमतौर पर यह मंदिर पूरे उत्तरी भारत में शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है। पूरे साल प्रतिदिन हजारों की संख्या में शिवभक्त इस मंदिर में शिव को जलार्पण करने आते हैं। जनता कर्फ्यू के चलते शिवभक्तों ने भगवान भोलेनाथ की घर में ही पूजा-अर्चना की, जबकि बाबा अपने मंदिर में भक्तों का इंतजार करते रहे।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर जनता कर्फ्यू पूरे देश में लागू किया गया है। जिसका समय रविवार सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक का है। बता दें कि इन दिनों पूरे विश्व में कोरोना वायरस ने कहर मचाया हुआ है। जिसके चलते लाखों लोगों की जानें जा चुकी हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। अभी तक देश में कोरोना के चलते 4 मौतें हो चुकी हैं। लेकिन इससे पीड़ित होने वालों का आंकड़ा बढता जा रहा है। लोगों में कोरोना फैले नहीं इसी के चलते आज पीएम मोदी ने देश की जनता से अपील की थी कि वे लोग अपने घरों में ही रहें।
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