यह भी पढ़ेंः Lockdown के पालन के लिए सख्त कदम, तीन जोन और 15 सेक्टर में बांटा गया यह जनपद, मजिस्टेट्रों की तैनाती 22 जून को जनता कर्फ्यू के बाद से ही लोगों ने नवरात्र व्रतों की तैयारी शुरू कर दी थी। दुकानों पर सबसे ज्यादा भीड़ नवरात्र का सामान लेने वालों की रही। लॉकडाउन के चलते उन्हें तैयारी तो पूरी कर ली थी, लेकिन मंदिरों में श्रद्धालु पूजा नहीं कर सके। बाबा औघडऩाथ मंदिर, काली देवी मंदिर, गोल मंदिर, गुफा वाला मंदिर, चंडी देवी मंदिर, बाबा मनोहर नाथ मंदिर, सरस्वती देवी मंदिर समेत तमाम मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रही। यहां पुजारियों ने नवरात्र की शुरुआत पर देवी की पूजा की।
यह भी पढ़ेंः Weather Alert: अगले 72 घंटों में बदलने जा रहा मौसम, तेज बारिश और ओलावृष्टि के आसार कोरोना वायरस की वजह लॉकडाउन के कारण लोगों ने सुबह के समय अपने घर के मंदिर में कलश स्थापना करने के बाद परिवार के साथ पूजा की। नवरात्र की शुरुआत में देवी के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होती है। इसी तरह दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी, तीसरे को चंद्र घंटा, चौथे को कुष्मांडा, पांचवे को स्कंद माता, छठे को कत्यायनी, सातवें को महाकाली, आठवें को महागौरी और नौवें को माता के नौवें स्वरूप सिद्धीदात्री की पूजा की जाती हैं।
यह भी पढ़ेंः Lockdown के दौरान मेरठ में इन दुकानों और मंडियों का समय निर्धारित, नहीं मानने पर होगी कड़ी कार्रवाई मंदिर समितियों ने किया अनुरोध कोरोना वायरस के कारण मंदिरों में प्रवेश पर रोक लग गई है। मंदिरों की समितियों ने लोगों से अनुरोध किया है कि नवरात्रि में लोग घर पर ही माता की पूजा करें। मंदिर आने का प्रयास न करें। इससे भीड़ में संक्रमण का खतरा रहेगा। बाबा औघडऩाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष डा. महेश बंसल ने बताया कि भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।