तेज आवाज वाली बाइक चलाने वालों की खैर नहीं, मॉडिफाई करने वाले मैकेनिक पर भी होगी कार्रवाई

हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर दिए यूपी सरकार को आदेश। उल्लंघन करने वाले पर होगा जुर्माना। 15 हजार तक का होगा चालान।

मेरठ। दुपहिया वाहन को मॉडिफाई करके चलाने वालों की अब खैर नहीं है। खासकर उन वाहन चालकों की जिन्होंने मोटरसाइकिल में तेज आवाज करने वाले साइलेंसर लगवा रखे हैं। कारण, आरटीओ ने वाहन स्वामियों के लिए एक निर्देश जारी किया। जिसमें कहा गया है कि दो पहिया चालक अपने वाहन में ओरिजिनल साइलेंसर पुनः लगवा लें, नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने वाले के खिलाफ 15 हजार का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसी बाइकों को मॉडिफाई करने मिस्त्री के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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दरअसल, संभागीय परिवहन अधिकारी मेरठ हिमेश तिवारी ने बताया कि दोपहिया वाहनों के स्वामियों विशेषकर रॉयल एनफील्ड, बुलेट मोटरसाइकिल के स्वामियों के द्वारा वाहन निर्माता द्वारा केन्द्रीय मोटरयान नियमावली के नियम-120 के मानकों के अनुरूप लगाये गये साईलेंसर को निकलवाकर अथवा उसमें परिवर्तन (मोडिफाई) कराया जा रहा है। जो न केवल मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-52 (वाहन में अनधिकृत परिवर्तन) का उल्लंघन है, अपितु धारा 190(2) (निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण) का भी उल्लंघन है। जहाँ धारा-52 के उल्लंघन में 5 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है, वहीं धारा-190(2) के उल्लंघन में दस हजार रुपये जुर्माने का मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत प्राविधानित किया गया है। इस प्रकार मोटरसाइकिल के साइलेंसर को निकलवाकर अथवा उसको मोडिफाई करने पर उल्लघंनकर्ता पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
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उन्होने बताया कि लखनऊ हाईकोर्ट की खण्डपीठ द्वारा इसको स्वतः संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित विभागों द्वारा कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये हैं। जनपद के समस्त दोपहिया वाहनों विशेषकर रॉयल एनफील्ड,बुलेट के स्वामियों, चालकों को निर्देशित किया जाता है कि यदि उनके दोपहिया वाहन में निर्माता द्वारा लगाये साइलेंसर को निकाल लिया गया है अथवा उसमें परिवर्तन किया गया है तो उसे तत्काल सुधार कराकर वाहन निर्माता द्वारा वाहन विक्रय के समय लगाये गये मानक के अनुरूप ओरिजिनल साइलेंसर पुनः लगवा लें। अन्यथा की स्थिति में विशेष अभियान चलाकर ऐसे वाहन स्वामियों,चालकों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए जुर्माना आरोपित किया जायेगा साथ ही ऐसे व्यक्ति हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना के भी उत्तरदायी होंगे।
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