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दरअसल, संभागीय परिवहन अधिकारी मेरठ हिमेश तिवारी ने बताया कि दोपहिया वाहनों के स्वामियों विशेषकर रॉयल एनफील्ड, बुलेट मोटरसाइकिल के स्वामियों के द्वारा वाहन निर्माता द्वारा केन्द्रीय मोटरयान नियमावली के नियम-120 के मानकों के अनुरूप लगाये गये साईलेंसर को निकलवाकर अथवा उसमें परिवर्तन (मोडिफाई) कराया जा रहा है। जो न केवल मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-52 (वाहन में अनधिकृत परिवर्तन) का उल्लंघन है, अपितु धारा 190(2) (निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण) का भी उल्लंघन है। जहाँ धारा-52 के उल्लंघन में 5 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है, वहीं धारा-190(2) के उल्लंघन में दस हजार रुपये जुर्माने का मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत प्राविधानित किया गया है। इस प्रकार मोटरसाइकिल के साइलेंसर को निकलवाकर अथवा उसको मोडिफाई करने पर उल्लघंनकर्ता पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह भी पढ़ें