यह भी पढ़ें
7 स्वास्थ्यकर्मी और 2 पुलिसकर्मी समेत 26 में कोरोना की पुष्टि, 496 पहुुंची संक्रमितों की संख्या, एक की मौत
अस्पताल को 24 घंटे के लिए सील कर उसको सैनिटाइज कराया जाएगा। पहली बार किसी अस्पताल से इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिले हैं। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में मौतों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा, कारण यहां पर गाजियाबाद के गंभीर मरीजों की तादाद बढ़ रही है। दिल्ली-यूपी सीमा सील होने की वजह से गाजियाबाद के गंभीर मरीज मेरठ रेफर किए जा रहे हैं। पिछले सप्ताह भर का आंकड़ा देखें तो यहां पड़ोसी जिले के दर्जन भर मरीज मेरठ में जान गंवा चुके हैं। कोविड वार्ड में मंगलवार देर रात दस मरीजों की तबीयत गंभीर बताई गई। इसमें से आठ गाजियाबाद से आए हैं जबकि एक-एक हापुड़ व मेरठ के हैं। देर रात इनमें से दो ने दम तोड़ दिया। यह भी पढ़ें: चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने जिन मरीजों से की मुलाकात उनमें से तीन मिले कोरोना संक्रमित, मचा हड़कंप डाक्टरों की मानें तो इसमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। गाजियाबाद से आए दूसरे मरीजों की स्थित भी नाजुक है। चिकित्सा मंत्री के दौरे के समय भी मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने यह मामला उठाया था। डाक्टरों की मांग थी कि गाजियाबाद में संतोष मेडिकल कालेज है। जबकि हापुड़ में दो मेडिकल कालेज हैं, फिर मरीजों को मेरठ ही क्यों भेजा जा रहा है। अंतिम क्षणों में यहां क्रिटिकल स्थिति में मरीजों के पहुंचने से स्टाफ परेशान है। मौतों का आंकड़ा बढ़ने से जहां मेरठ मेडिकल कालेज प्रदेश सरकार की नजर में अंक नहीं जुटा पा रहा है, वहीं जटिल मरीजों के ओवरलोड होने से मेरठ के मरीजों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।