कोरोना की तीसरी लहर में सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती है कान्हा की नगरी, बांके बिहारी और कोकिलावन में उमड़ रही भीड़

बिना कोविड जांच के कान्हा के दर्शन को उमड़ रहा जनसैलाब, प्रशासन की व्यवस्था ध्वस्त।

मथुरा. कोविड की दूसरी लहर के थमने के बाद लंबे समय से घरों में रहने के बाद लोग धार्मिक स्थलों और हिल स्टेशनों की ओर रुख कर रहे हैं तो वहीं उन राज्यों ने टूरिस्टों के लिए कोविड को देखते हुए आवश्यक गाइड लाइन भी जारी कर रखी हैं। देवभूमि उत्तराखंड हो या फिर माता वैष्णों देवी के दर्शन करने हो सभी जगह श्रद्धालुओं को अपनी आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट साथ लेकर जाना अनिवार्य है, लेकिन कान्हा की नगरी में इन दिनों बिना कोविड जांच के श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ रही है। बांके बिहारी मंदिर हो या फिर कोकिलावन स्थित शनिधाम दोनों ही जगह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड नियमों की खूब धज्जियां उड़ा रही हैं।
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बता दें कि टूरिस्ट प्लेस वाले राज्यों ने अपने यहां टूरिस्टों के प्रवेश से पहले कोविड की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट को अनिवार्य रूप से लागू कर रखा है। वहीं, इसके उलट कान्हा की नगरी में कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद बिना कोविड जांच के ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ विभिन्न मंदिरों के दर्शनों के लिए उमड़ रही है। शुक्रवार से लेकर रविवार तक जहां शनिदेव मंदिर कोकिलावन में खूब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वहीं वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में भी हर रोज 5-7 हजार श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को मास्क पहनकर आना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल उस समय ध्वस्त नजर आती है, जब श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर के बाहर एकत्रित हो जाती है। भारी भीड़ के दबाव को देखते हुए यहां कोविड नियमों का पालन कराना मुमकिन ही नहीं है। ऐसे में जिला प्रशासन भी भीड़ के दबाव को रोकने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए मंदिर प्रबंधन और सेवायतों से मीटिंग भी करता है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही नजर आता है। वृंदावन में बिना जांच के दर्शनों के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए चिंता का विषय बनी हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि उनके द्वारा श्रद्धालुओं की भी जांच की जा रही है।
बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर में हर रोज लगभग 5 से 7 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए और कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत जिला प्रशासन से श्रद्धालुओं की कोविड जांच कराने के लिए आग्रह किया गया है। यदि श्रद्धालुओं के लिए कोविड जांच के बाद ही दर्शन करने आने की गाइडलाइन जारी हो जाए तो काफी हद तक श्रद्धालुओं की भीड़ कम होगी और कोविड नियमों का पालन कराया जाना आसान होगा।
सीएमओ डॉ. रचना गुप्ता ने कहा कि मथुरा में इन दिनों कोविड केस कम निकल रहे हैं, लेकिन मंदिरों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए मेरी लोगों से अपील है कि भीड़ ना लगाएं, कोविड अभी गया नहीं है। पहले भी भीड़ की वजह से कोविड की दूसरी लहर आई थी और अभी भी तीसरी लहर आने की प्रबल संभावना है। मंदिरों में बढ़ती भीड़ चिंता का विषय है। मथुरा आने वाले श्रद्धालुओं से अपील है कि वे अपना कोविड टेस्ट कराकर नेगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आएं।
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