सुबह का भोग श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि परंपरा के अनुसार सर्दियों के आगमन पर सुबह गरमा-गरम मेवायुक्त हलवा, केसर का दूध और पकौड़ी का भोग लगाया जाता है।
दोपहर का भोग दोपहर में तप्त कढ़ी, रसेदार व सूखी सब्जी, रसेदार और सूखी दाल, नमकीन-मीठा रायता, नमकीन-मीठे और सादा चावल, मुठिया के लड्डू, पंचमेवा केसरिया दूध-भात, खीर, मिस्सी और सादा रोटी, बेसनी परांठा, अचार, पापड़, मुरब्बा, चटनी आदि से भोग लगाया जाता है।
शाम का भोग शाम के भोग में ठाकुर जी को पूड़ी-कचौड़ी, बेड़ई, समोसा, पकौड़ी, दो प्रकार की रसेदार और दो सूखी सब्जियां, चटपटा रायता, मीठा दही, पापड़, मेवा वाला अदोटा और हलवा, पिस्ता-केसर वाला दूध भात, चटनी, सोंठ आदि रखे जाते हैं।
यह भी पढ़ें- दुनिया का सबसे खूबसूरत बनाने के लिए वैदिक राम मंदिर में आइकोनोग्राफी सिस्टम से किया जाएगा लैस चार बार इत्र की मालिश आचार्य प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि सर्दियों में चार बार सुबह, दोपहर, शाम और रात को ठाकुर जी की हिना, केसर और कस्तूरी के इत्र से मालिश होती है। उन्होंने बताया कि हर साल भाई दूज से श्रद्धालुओं के दर्शन और आरती का समय भी बदल जाता है। भाई दूज से सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम को 4:30 से 8:30 बजे तक श्रद्धालु ठाकुर जी दर्शन कर सकते हैं।