मथुरा

मथुरा में बना उत्तर भारत का पहला जीआरपीएफ पैक हाउस, अब विदेशी उठा सकेंगे हमारी फल और सब्जियों का आनन्द

– गामा विकिरण प्रसंस्करण केंद्र में रखे जा सकेंगे फल और सब्जियां- विदेशों में अब आसानी से निर्यात हो सकेंगी फल-सब्जियां

मथुराJul 23, 2021 / 06:12 pm

Mahendra Pratap

मथुरा में बना उत्तर भारत का पहला जीआरपीएफ पैक हाउस, अब विदेशी उठा सकेंगे हमारी फल और सब्जियों का आनन्द

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मथुरा. मथुरा में गामा विकिरण प्रसंस्करण (जीआरपीएफ) (Gamma Radiation Processing) सुविधा युक्त पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज बनाया गया है। इस जीआरपीएफ पैक हाउस के जरिए अब अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील और न्यूजीलैंड में रहने वाले लोग यूपी-दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में उगाए गए आलू, प्याज, मटर, गोभी, बंदगोभी, अदरक, हरीमिर्च, आंवला, कटहल, आम, लीची, अमरुद, जामुन, अनार तथा मसालों का स्वाद ले सकेंगे। यह न केवल यूपी बल्कि उत्तर भारत का पहला जीआरपीएफ पैक हाउस है।
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उत्तर प्रदेश देश में फल और सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक है। फिर भी राज्य में पैदा होने वाले फल और सब्जियों की 10 फीसदी से कम की ही प्रोसेसिंग हो पाती थी। बड़ी मात्रा में जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ हर साल बर्बाद हो जाते हैं। जिसके चलते किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाता। यूपी सरकार का कहना है कि कृषि एवं फल कारोबार से जुड़े हजारों कारोबारी और लाखों किसानों को जीआरपीएफ पैक हाउस से लाभ होगा। उनके उगाए फल, सब्जी और मसाले अब आसानी से दुनिया भर के देशों को भेजे जा सकेंगे।
अगले महीने से हो जाएगा शुरू काम

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत सोलस इंडस्ट्रीज ने मथुरा में जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बनाने की पहल की। इसके लिए सोलस इंडस्ट्रीज ने वर्ष 2018 जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बनाने के लिए मथुरा में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह सरकार से किया था। उनके प्रस्ताव पर त्वरित कार्रवाई हुई और उन्हें यूपीसीडा से मथुरा के कोसी कोटवान औद्योगिक क्षेत्र में 5,535 वर्ग मीटर भूमि मिल गई। अब इस भूखंड पर जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बन गया है। इसके निर्माण पर 21 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। अब अगले महीने इसे शुरू करने की योजना है। इस परियोजना की सबसे खास बात ये है कि यह उत्तर भारत और उत्तर प्रदेश का पहला जीआरपीएफ पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज है।
दिल्ली, राजस्थान मप्र और उत्तराखंड को मिलेगा लाभ

इस जीआरपीएफ पैक हाउस के शुरू होने से अब दिल्ली, मप्र, राजस्थान, उत्तराखंड, मेरठ, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में फल तथा सब्जी कारोबारी आलू, प्याज, मटर, गोभी, बंद गोभी, अदरक, हरी मिर्च, आंवला, कटहल, आम, लीची, अमरूद, जामुन, अनार तथा मसाले आदि अमरीका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, न्यूजीलैंड सहित दुनिया भर के देशों को भेज सकेंगे।
अभी मुंबई, बेंगलुरु मे यह सुविधा

वसई मुंबई, लासलगांव नासिक और बेंगलुरु में स्थापित जीआरपीएफ पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज के जरिए ही विदेशों में फल, सब्जी और मसालों का उक्त देशों में निर्यात होता था। अब अगले महीने से उत्तर प्रदेश भी दुनिया के कई देशों को फल, सब्जी और मसालों को भेजा जा सकेगा।
क्या सुविधा है जीआरपीएफ में

विदेश को भेजी जाने वाली सब्जी, फल तथा मसालों को बैक्टीरिया और वायरस रहित करने के लिए गामा विकिरण प्रसंस्करण जरूरी है। अभी तक राज्य में गामा विकिरण प्रसंस्करण (जीआरपीएफ) की सुविधा वाले पैक हाउस ना होने के चलते प्रदेश में पैदा होने फलों व सब्जियों को विदेश नहीं भेजा जा सकता।

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