आनंद प्रसाद बाबा दिल्ली के रहने वाले हैं। उनका खुद का फुटवियर्स का विजनेस था। महीने में 1 से 2 बार वृंदावन आते थे। अब प्रेमानंद महाराज के साथ रहते हैं।
नवल नागरी बाबा पठानकोट के रहने वाले हैं। नावल नागरी के पिता आर्मी में थे। उन्होंने भी 2008 से 2017 तक आर्मी में नौकरी की।
श्याम सुखदानी हरियाणा सोनीपत के रहने वाले थे। उन्होंने दिल्ली में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद बैंगलुरु और गुरुग्राम में जाब की।
प्रेमानंद महराज के आसपास रहने वाले साधु मल्टीनेशल कंपनियों में नौकरी करते थे। नौकरी को छोड़कर साधु बन गए।