शेषनाग पर निकाली गई सवारी
दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव के चतुर्थ दिवस श्री शेष वाहन की सवारी निकाली गई। रजत निर्मित शेष जी पर प्रभु की सवारी आनंदित करने वाली होती है। श्री हनुमान जी पर श्री प्रभु के दर्शन – सदृश श्री शेष जी के साथ श्री प्रभु की अलौकिक आभा का दर्शन भक्तजनों को सेवा भाव का संदेश देने वाला है। शेष जी पर विराजमान भगवान गोदरंगमन्नार की दिव्य झांकी मानो साक्षात क्षीर सागर में शेष नाग जी पर शयन करने वाले माता लक्ष्मी सहित श्री विष्णु भगवान के दर्शनों का आनंद प्राप्त करती है। मन्दिर की मुख्य अधिशाषी अधिकारी अनघा श्री निवासन ने बताया कि भगवान श्रीयः पति नारायण बैकुंठ लोक में एवं क्षीराब्धि में शेष जी पर विराजते हैं। शेष जी पर भगवान विराजकर दर्शन देते हैं जिसके दर्शन करने से वैकुंठ लोक की प्राप्ति और पितरों को सद्गति प्राप्त होती है।
दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव के चतुर्थ दिवस श्री शेष वाहन की सवारी निकाली गई। रजत निर्मित शेष जी पर प्रभु की सवारी आनंदित करने वाली होती है। श्री हनुमान जी पर श्री प्रभु के दर्शन – सदृश श्री शेष जी के साथ श्री प्रभु की अलौकिक आभा का दर्शन भक्तजनों को सेवा भाव का संदेश देने वाला है। शेष जी पर विराजमान भगवान गोदरंगमन्नार की दिव्य झांकी मानो साक्षात क्षीर सागर में शेष नाग जी पर शयन करने वाले माता लक्ष्मी सहित श्री विष्णु भगवान के दर्शनों का आनंद प्राप्त करती है। मन्दिर की मुख्य अधिशाषी अधिकारी अनघा श्री निवासन ने बताया कि भगवान श्रीयः पति नारायण बैकुंठ लोक में एवं क्षीराब्धि में शेष जी पर विराजते हैं। शेष जी पर भगवान विराजकर दर्शन देते हैं जिसके दर्शन करने से वैकुंठ लोक की प्राप्ति और पितरों को सद्गति प्राप्त होती है।
By – निर्मल राजपूत