वहीं महाप्रभु जी की जन्मभूमि (श्रीजी मंदिर) के महंत दम्पति शरण महाराज ने कहा कि प्राचीन हुरंगा के दिन महाप्रभु जी की जन्मभूमि में श्रीकृष्ण वट पर होरी की धमार होती है।वृन्दावन से आए समाजियों द्वारा समाज गायन, बधाई गायन के पदों के साथ हरिनाम संकीर्तन में श्रद्धालु झूमते हुए रंग पंचमी के दिन होरी व हुरंगा का जमकर आनंद लेते हैं। प्राचीन हुरंगा में हुरियारिनें-हुरियारों पर जमकर प्रेम पगी लाठियां बरसाती हैं। हुरियारे ब्रज के रसिया सुनाकर हुरियारिनों के साथ ब्रज के प्राचीन हुरंगा का आनंद लेते हैं जिसे देख दूरदराज से आए श्रद्धालु भी झूम उठते हैं। ऐसी अनूठी परंपरा आपको तीन लोक से न्यारी नगरी ब्रज मंडल में ही देखने को मिलेगी।
इस मौके पर महंत हरिशंकर दास महाराज, महंत लाड़िली शरण महाराज, महंत फूलडोल दास महाराज, महंत रामस्वरूप दास महाराज, पुरूषोत्तम दास महाराज, बाबा नागरी दास, राधाबल्लभ बाबा, ब्रजेश पुजारी, नारायण पुजारी, खेलन मुखिया, राधाबल्लभ पंडित, मदन पंडित, बालो भगत, बिहारी सिंह, कल्याण लंबरदार, बालो पंडित, मीडिया प्रभारी दिनेश सिंह तरकर, व्यास नंदन आदि लोग मुख्य रूप से मौजूद रहे।
By – निर्मल राजपूत