खेल विभाग क्यों नहीं कर रहा हेण्डओवर

आरएसआरडीसी के मुताबिक पूर्ण है ट्रेक

<p>खेल विभाग क्यों नहीं कर रहा हेण्डओवर</p>
निर्धारित मापदण्ड पर खरा नहीं है ट्रेक खेल विभाग
प्रतापगढ़. धरियावद रोड स्थित खेलगांव में एक करोड़ की लागत से बने चार सौ मीटर के एथेलेटिक ट्रेक को अब तक खेल विभाग ने अपने कब्जे में नहीं लिया है। इसके चलते इस ट्रेक की सार-संभाल नहीं हो रही और नवनिर्मित खेल ट्रेक फिर से धूल धूसरित हो रहा है। इसका निर्माण राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कारर्पोरेशन ने किया था। इसके मुताबिक ट्रेक पूरी तरह से तैयार है। यदि कोई कमी है तो खेल विभाग को बताना चाहिए, उसे पूरा कर दिया जाएगा, लेकिन खेल विभाग के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैंं।
आरएसडीसी के परियोजना अधिकारी दीपक परिहार ने बताया कि खेल विभाग की ओर से ट्रेक निर्माण में किसी प्रकार की कोई कमी को लेकर कोई लिखित पत्र अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। यदि कोई कमी है तो उसें हम उसे विशेषज्ञों की मदद से पूरा कर देगे। वैसे हमें हमारी ओर से ट्रेक पूरी तरह से तैयार है। इधर, खेल अधिकारी गिरधारी सिंह चौहान से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन वे किसी प्रकार का जवाब देने के बजाए मामले को टालते दिखे।
दोनों विभागों की नूरा कुश्ती में इस ट्रेक की दिन ब दिन दुर्गति हो रही है। ये ट्रेक चार मीटर परिधि में हैं। देखरेख के अभाव में ट्रेक की ब्रिक्स लाइन पूरी तरह से गायब हो गई। सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होने से ट्रेक पर मवेशी घूम रहे हंै। युवकों को बाइक की रेस लगाते हुए देखा जा सकता है।
एक सप्ताह बाद होने वाले है राज्य स्तरीय आयोजन
इसी ट्रेक पर आगामी 8 सितम्बर से तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन होने वाला है। गौरतलब है कि गत वर्ष भी इसी ट्रेक पर एथलेटिक्स की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी। आनन फानन में ट्रेक की लम्बाई को अस्थाई रूप से सुधारा गया था। इस सम्बन्ध जब जनजाति विभाग के उप जिला शिक्षा अधिकारी भेरुलाल मीणा से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि ट्रेक को सुधारने के लिए खेल विभाग को अवगत कराया गया है। व्यवस्थित ट्रेक होने पर ही प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी।
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ट्रेक का निर्माण मापदंड के अनुसार नहीं है
ट्रेक तय मापदण्ड अनुसार नहीं है। लम्बाई में ही काफी अंतर है। 400 मीटर लम्बाई का बनना था, ट्रेक लेकिन वर्तमान में इसकी कुल लम्बाई 396 मीटर ही है। गत वर्ष प्रतियोगिता के दौरान भी काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस ट्रेक पर बाहरी खिलाडिय़ों को अधिक लाभ मिलता है। हमारे खिलाड़ी पिछड़ जाते है।
शंकरलाल मेनारिया
एथलेटिक्स कोच
प्रतापगढ़
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