जीएम पैसे लेकर प्लाट बांट रहे

उद्योग विभाग के जीएम और पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बीच जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं, हंगामें में तब्दील हुई जिले में नए उद्योगों को तलाशने की संभावना

<p>The possibility of finding new industries in the betul</p>
बैतूल. जिले में नए उद्योगों की स्थापना को लेकर गुरुवार को नगर पालिका के सभाकक्ष आयोजित बैठक में उस समय हंगामा और विवाद शुरू हो गया, जब अनाधिकृत रूप से कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सिद्धीक पटेल घुस आए। आते ही उन्होंने जिला उद्योग महाप्रबंधक आत्माराम सोनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जीएम पैसे लेकर प्लाट बांट रहे हैं। इस पर जीएम भी उखड़ गए, बोले- आप आए थे पैसे लेकर। पहले लालच देने की कोशिश की फिर राजनीतिक दबाव डलवा रहे हैं। जीएम का आरोप है कि पटेल बंद पड़ी एचएमटी फैक्ट्री की कीमती पांच एकड़ जमीन हथियाना चाहते हैं। विवाद बढऩे और दोनों के एक-दूसरे पर झूठ बोलने के आरोप लगाने के बीच विधायक हेमंत खंडेलवाल ने मामला शांत कराया। इसके बाद बैठक पुन: शुरू हो सकी। दरअसल विधायक हेमंत खंडेलवाल की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई ही थी कि पटेल अपने समर्थकों के साथ घुस आए। उनके साथ मीडिया भी पहुंच गया। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र में भूमिआंवटन को लेकर सोनी पर लेनदेन सहित फर्जीवाड़ा करने जैसे गंभीर आरोप लगाना शुरू कर दिए। पहले विधायक ने उन्हें शांत कराना चाहा लेकिन नहीं माने तो सोनी भी गुस्से में आ गए। एक बार सोनी मान गए लेकिन जब पटेल शांत नहीं हुए तो उन्होंने भी झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पटेल खुद उन्हें प्रलोभन देकर जमीन हथियाना चाहते थे, जब नहीं माना तो आरोप लगा रहे। इससे पहले राजनीतिक दबाव भी डलवाया। विधायक ने जांच के लिए कहा तब भी दोनों शांत नहीं हुए। इस पर खंडेलवाल ने कांग्रेस नेता को फटकारते हुए कहा कि आपकी बात आ गई, हम जांच करा लेंगे। इसके बाद वह बाहर निकले। फिर बैठक शुरू हुई।
आपको नियम नहीं पता
विवाद के दौरान कांग्रेस नेता ने जीएम से कहा कि आप झूठ बोलते हैं, आपको नियमों की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि आप विभाग में बैठकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके बीच तनातनी और विवाद के दौरान बैठक में हंगामा शुरू हो गया। कुछ अधिकारी भी खड़े हो गए।
चहेतों को कर रहे आवंटन
पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष एवं उद्योगपति पटेल कहा कि जिला उद्योग केंद्र द्वारा कोसमी एवं भग्गूढाने औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित भूखंड के नाम पर खुल्लम-खुल्ला खेल किया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन कर चहेतों को प्रोत्साहित करने का कार्य ऑनलाइन ई पद्धति के माध्यम से किया जा रहा है। उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र की आवंटित भूखंडों की सूचना प्रकाशित नहीं की गई जिसके कारण कई लोगों को सूचना नहीं मिल सकी। भूखंडों की ई नीलामी में भग्गूढाने क्षेत्र की भूमि अचानक प्रगट हो गई। नीलामी की सूचना के संबंध में विभाग द्वारा कोई सूचना दफ्तर में चस्पा नहीं की गई थी। आदिवासी बाहुल्य जिला होने के बाद भी भूमिआवंटन में किसी प्रकार का आरक्षण नहीं रखा गया।
कृषि मद में दर्ज है उद्योग की जमीन
लगभग डेढ़ वर्ष से कोसमी औद्योगिक क्षेत्र में भूमि आवंटन में समस्या आ रही थी। इस कारण उद्योग स्थापित करने के इच्छुक परेशान हो रहे थे। इसका मूल कारण था कि टाउन एंड कं ट्री प्लानिंग कार्यालय द्वारा औद्योगिक क्षेत्र का कुछ हिस्सा कृषि मद में परिवर्तित कर दिया था, जिसकी सूचना उद्योग विभाग को नहीं थी। बाद में फिर उद्योग विभाग को सौंपी गई
विकास के लिए मिली राशि
औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए राज्य शासन द्वारा 385.44 लाख रुपए आवंटित किए गए थे। जिसमें से 60.30 लाख रुपए विद्युत स्थापना के लिए तथा शेष 325.14 लाख रुपए सडक़ निर्माण के लिए प्राप्त हुए। 212 लाख रुपए के सडक़ निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है। नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ा भी जा चुका है। इसी प्रकार मुलताई तहसील के ग्राम मोही में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना के लिए 21 एकड़ भूमि जो राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है वह प्राप्त हो चुकी है। क्षेत्र के सर्वे डिमार्केशन के लिए 8.20 लाख रुपए की राशि शासन द्वारा लोक निर्माण विभाग को आवंटित की गई है। वहीं सारणी के समीप चोरडोंगरी में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना के लिए 45 एकड़ भूमि उद्योग विभाग को मिली है। औद्योगिक क्षेत्र के सर्वे डिमार्केशन के लिए 9.18 लाख रुपए शासन द्वारा लोक निर्माण विभाग को आवंटित किया गया है
औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए यह हो चुके कार्य
१. औद्योगिक क्षेत्र में टूलेन सडक़ एवं पुलिया का निर्माण 212.75 लाख रुपए में कराया गया।
२. औद्योगिक क्षेत्र में सेक्टर ए में 1.09 किमी नाली निर्माण 112.39 कराया जाएगा।
३. औद्योगिक क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य 60.30 लाख से कराया जाएगा।
४. चोरडोंगरी सर्वे एवं डिमार्केशन के लिए 9.18 लाख रुपए स्वीकृत हुए।
५. मुलताई के मोही में सर्वे एवं डिमार्केशन के लिए 8.20 लाख रुपए स्वीकृत हुए।
 
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