थ्रेसरिंग करते किसान की मौत

थ्रेसरिंग करते किसान की मौत

थ्रेसरिंग करते किसान की मौत
छोटीसादड़ी छोटीसादड़ी थाना क्षेत्र के बरवाड़ा देवल गांव में गुरुवार तडक़े खेत पर थ्रेसरिंग करते एक किसान की मौत हो गई।पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है।
थाना अधिकारी प्रवीण टांक ने बताया कि गुरुवार तडक़े बरवाड़ा देवल निवासी दिनेश(30) पुत्र बंशीलाल तेली खेत पर गेहूं की फसल निकालने के लिए गया था। वहां थ्रेसर से गेहूं निकालते समय वह थ्रेसर के पट्टे में फंस गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने पुलिस व ग्रामीणों को सूचित किया। इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शव को छोटीसादड़ी चिकित्सालय के मुर्दाघर में रखवाया गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। वहीं पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।
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कांठल के भूगर्भ में पेट्रोलियम की जांच
एमपी के निकटवर्ती प्रतापगढ़ के गांवों में हो रहा शोध
मोखमपुरा
ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कार्पोरेशन(ओएनजीसी) की एक टीम की ओर से क्रुड ऑइल के लिए शोध में इन दिनों प्रतापगढ़ जिले के मंदसौर से सटे गांवों के खेतों में परीक्षण किया जा रहा है। यहां टीम की ओर से भूगर्भ में पेट्रोलियम की जांच की जा रही है।टीम की ओर से यहां के खेतों में ड्रिलिंग की जा रही है। ऐसे में ग्रामीणों में कौतुहल का विषय है।
यहां जांच कर रही टीम के अनुसार केरोसीन, डीजल, पेट्रोलियम उत्पाद की शोध हो रहा है। टीम नके मध्य प्रदेश के देवास जिले से यह शोध शुरू किया है।जो अब प्रतापगढ़ जिले के मंदसौर जिले से सटे गांवों में समाप्त हो रहा है। शोध का यह कार्य गत छह माह से अल्फा जीओ इंडिया हैदराबाद की कम्पनी कर रही है। यह कार्य केन्द्र सरकार की ओर से कराया जा रहा है।
लगाते हैं सेंसर
इस शोध के लिए टीम की आरे से जमीन पर केबल बिछाकर सेन्सर लगाते है।इसके लिए प्रशासन की ओर से स्वीकृति के बाद यह कार्य किया जा रहा है।गौरतलब है कि यहां अगर उत्पाद मिल जाता है तो किसान के लिए अच्छा रहेगा। वहीं क्षेत्र का विकास भी होगा।
अधिकतम दो सौ फीट गहरा
यहां शोध के लिए टीम की ओर से अधिकतम दो सौ फीट तक गहरा ड्रिल किया जाता है। ड्रिलिंग के लिए 20 मशीनें कार्य कर रही है। इन्होनें एक कन्ट्रोल रूम भी स्थापित किया हुआ है।
गांवों में कंपन्न से ग्रामीण भयभीत
यहां ड्रिलिंग के समय कम्पन्न भी होता है।ऐसे में यह कम्पन्न गांवों में मकानों में भी हो रहा है।इससे ग्रामीणों में मकानों में दरारें होने का भय है।
इन गांवों में किया जा रहा शोध
प्रतापगढ़ जिले के आधा दर्जन गांवों में शोध किया जा रहा है। इसमें मोखमपुरा के पास वाले गांव है।इनमें धनेश्री, सैलारपुरा, मचलाना, प्रतापपुरा, अचनारा, डाबड़ा आदि गांवों में शोध चल रहा है।
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