छात्रसंघ अध्यक्ष शांतिलाल निलम्बित पढ़े पुरी खबर

-परिषद की मंगलवार को आयोजित बैठक में किया निर्णय

-महाविद्यालय के कुछ प्राध्यापकों के साथ अभ्रद भाषा में बातचीत और धमकी देने का आरोप
-छात्रसंघ अध्यक्ष ने किया आरोपों से इंकार, खुद के साथ अभद्रता का लगाया आरोप
प्रतापगढ़. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राध्यापक परिषद की मंगलवार को महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. एन.के.जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में परिषद ने वर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष शान्तिलाल मीणा को महाविद्यालय और अध्यक्ष पद से निलम्बित कर दिया।
किया अभ्रद व्यवहार
महाविद्यालय प्राचार्य एन के जैन ने बताया की छात्रसंघ अध्यक्ष शांतिलाल ने गत 13 दिसम्बर को महाविद्यालय के प्रोफेसर राकेश खटीक के साथ अभद्र भाषा में बात की। इस पर उसे समझाइश का प्रयास किया, लेकिन 20 दिसम्बर को शांतिलाल ने पुन: प्राचार्य कक्ष के बाहर अभद्रता की और मारपीट का प्रयास किया। मैंने प्राचार्य एस एल परिहार और व्याख्याता पप्पूराम कोहली के साथ बीचबचाव का प्रयास किया तो शांतिलाल ने तीनों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद प्राध्यापकों की ओर से सेवानिवृत्त प्राचार्य एस एल परिहार को लिखित को शिकायत दी और पुलिस में रिपोर्ट करवाने के लिए कहा। शांतिलाल मीणा को भी इस सम्बंध में पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। 23 दिसम्बर को इस सम्बंध में बैठक बुलाई गई लेकिन प्राचार्य उसमें नहीं आए। इसके बाद महाविद्यालय में अवकाश शुरू हो गए। 31 दिसम्बर को प्राचार्य एस एल परिहार सेवानिवृत्त हो गए। ऐसे में 2 जनवरी को बैठक की गई। बैठक में छात्रसंघ अध्यक्ष द्वारा महाविद्यालय के कुछ प्राध्यापकों के साथ अभद्र भाषा के प्रयोग एवं जान से मारने की धमकी देने के मामले को गम्भीरता से लिया गया। इस पर विचार करते हुए महाविद्यालय प्राध्यापक परिषद ने आगामी आदेश तक शांतिलाल मीणा को अध्यक्ष पद एवं महाविद्यालय से निलंबित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी गई है।
आरापों से किया इंकार
इधर छात्रसंघ अध्यक्ष शांतिलाल ने सभी आरोपों से इंकार करते हुए कहा की महाविद्यालय में आंदोलन के दौरान और छात्रों के लिए क्रिकेट किट मांगने पर प्रोफेसर राकेश खटीक और अन्य ने खुद मेरे साथ अभद्रता की। बावजूद इसके उसने व्याख्याताओं का सम्मान करते हुए लिखित में स्पष्टीकरण दिया, लेकिन महाविद्यालय प्रशासन की ओर से बिना किसी पूर्व सूचना के इस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है जो अनुचित है।
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