शिव और पार्वती में समाया हुआ है ब्रह्मांड

कथा का आयोजन जारी

<p>pratapgarh</p>

मोखमपुरा
महाशिवपुराण कथा डाबड़ा में रुद्रेश्वर महादेव मन्दिर मेला प्रांगण में वासुदेव शर्मा बसेरा वाले ने कथा में कार्तिक और गणेश की कथा सुनाई।
दोनों में बड़ा कौन? देवताओं ने यह देखा तो उन्हें लगा कि इस झगड़े का तो कोई अंत ही नहीं। उन्होंने दोनों भाइयों से कहा कि शिव और पार्वती के पास जाए। वही इस समस्या का समाधान कर सकेंगे। देवों का यह सुझाव मानकर कार्तिक और गणेश अपने माता-पिता के पास चल दिए। उन्होंने कहा कि जो इस ब्रह्माण्ड का तीन चक्कर लगाकर सबसे पहले वापस आएगा। वही दोंनो में से बड़ा होगा। इस पर भ्रवान गणेश ने माता-पिता के ही तीन चक्कर लगा लिए। जब माता-पिता ने इसका अर्थ पूछा तो उन्होंने कहा कि सारा ब्रह्मांड तो महादेव शिव और माता पार्वती में ही समाया हुआ है। इसी के साथ जय गणेश देवा की मधुर धुन के साथ श्रद्धालु झूम उठे।
धमोतर
यहां सदर बाजार स्थित हवेली में आयोजित की जा रही भागवत कथा के अंतिम दिवस कथाकार प्रसन्नराघव ने सुदामा और कन्हैया की मित्रता के बारे में बताया। कृष्ण-सुदामा की मित्रता से यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में मित्रता से बढक़र कुछ नहीं है। मित्रता के बीच अमीरी-गरीबी, जाति-समाज नहीं आती है। परीक्षित मोक्ष के बारे में विस्तार से समझाया। कथा के अंत में प्रसादी का आयोजन किया गया।
शौली हनुमान मन्दिर पहुंचे श्रद्धालु
मोवाई
गांव शौली हनुमान में नववर्ष के दिन मध्य प्रदेश के सैलाना से यात्री पैदल चलकर डीजे के साथ नाच कर भजन करते हुए पहुंचे। जो सैलाना से पैदल चल शौली हनुमान जी के मंन्दिर पर पहुचे।
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महायत्र में बच्चों को सिखाए संस्कार
दलोट
गायत्री परिवार की ओर से कस्बे में शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में चल रहे प्रज्ञा पुराण व पंचकुण्डीय महायज्ञ में कई आयोजन हो रहे है। संस्कार कार्यक्रम में बच्चों को संस्कार सिखाए गए। वहीं पुंसवन, अन्नप्राश, विद्या आरम्भ हुआ। जिसमें कई बालक-बालिकाओ को संस्कार दिलाए गए। इसके बाद गायत्री पुराण कथा का वाचन किया गया। शान्तिकुंज हरिद्वार के विद्वत टोली के नायक तुलसीराम धाकड़ द्वारा समस्त संस्कार सम्पन कराया गया। समस्त संस्कारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके महत्व के बारे में बताया गया। संस्कारों का भारतीय संस्कृति अन्तगर्त होने वाले इन संस्कारों का धार्मिक महत्वता बताई गई। इसके बाद प्रज्ञा पुराण कथा हुई। जिसमें कस्बे के लोगों ने भाग लिया।
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