बैंकिंग कोड और भारतीय मानक बोर्ड (बीसीएसबीआई) के एक कार्यक्रम में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा ने कहा कि पिछले दो सालों में हम आगे बढ़े हैं। आधार नामांकन हुआ है। आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) के लिए एप्लिकेशन शुरू हुए। ऐसे में बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी की संभावना बढ़ गई है।
बातचीत की जरूरत नहीं मुंद्रा ने कहा कि एक बार पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू होते ही आप बैंक से बिना बातचीत किए आप एक बैंक से दूसरे बैंक में अपना अकाउंट स्विच कर सकेंगे।
बेहतर सेवाएं देंगे बैंक मुंद्रा ने कहा था कि खाता पोर्टेबिलिटी की अनुमति देने से एक नया आयाम मिलेगा। लोग बेहतर सेवाएं देने वाले बैंकों से जुड़ेंगे। बैंक अच्छी सुविधाएं देने को बाध्य होंगे।
ऐसा करने वाला पहला देश होगा भारत मुंद्रा ने इससे पहले भी बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी की वकालत की थी। अगर इस योजना को सफलता मिलती है तो भारत बैंक पोर्टेबिलिटी की सुविधा मुहैया कराने वाला पहला देश बन जाएगा।