सैकण्डरी बोर्ड परीक्षा संपन्न

सीनियर सैकण्डरी के तीन पर्चे शेष

प्रतापगढ़. आठ मार्च से शुरु बोर्ड के 10 वी एवं 12 वीं के इम्तिहान में से सैकण्डरी बोर्ड के इम्तिहान सोमवार को संपन्न हो गए। सैकण्डरी बोर्ड के व्यवसायिक विषय का प्रायोगिक मंगलवार को होगा। उच्च माध्यमिक के शेष विषयों में से राजस्थानी भाषा, ड्राईंग ,गृहविज्ञान , तृतीय भाषा संस्कृत विषय के पर्चे शेष रहे हैं। जो क्रमश: 27, 28 ,31 व 1-2 अप्रेल को सम्पन्न होंगे।
उडऩ दस्तों की संख्या घटी
सैकण्डरी बोर्ड परीक्षा समाप्त होते ही बोर्ड परीक्षाओं के दौरान केन्द्रों पर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गठित 2 उडऩ दस्तों में से 1 उडऩ दस्ता कम कर दिया गया है।
दो प्राध्यापकों को हटाया गया
बोर्डपरीक्षा के दौरान सौंपी गई जिम्मेदारी में शिथिलता बरतने पर दो प्राध्यापक सुनिलकुमार वर्मा प्राध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बम्बोरी एवं अशोक गायरी, प्रध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय थड़ा को परीविक्षक को कार्य मुक्त कर जिला शिक्षा कार्यालय में लगाया गया है।
भुवनेश्वर भट्ट
संयोजक
माध्यमिक शिक्षा बोर्डपरीक्षा
उडऩदस्ता क्रमांक 02
परीक्षा से मिली मुक्ति, प्रवेश ने दिलाया तनाव
10वीं बोर्डपरीक्षा समाप्त होते ही परीक्षार्थियों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। गत एक पखवाड़े से परीक्षा का तनाव पूरी तरह से समाप्त हो चुका था। लेकिन विभागीय आदेश के मुताबिक परीक्षा समाप्त होने के दूसरे दिन से अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश और अध्ययन को लेकर छात्रों के उत्साह में कुछ कमी अवश्य देखी गई।
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विकास में रूकावट, अवैध बसावट
-शहर में लगातार बढ़ रहा कच्ची बस्तियों का दायरा
-2004 के बाद से अब तक नहीं हुआ कच्ची बस्तियों का सर्वे
प्रतापगढ़.
शहर में कच्ची बस्तियों का दायरा दिनोंदिन बढ़ रहा है। सरकारी जमीन पर ऐसी बस्तियों को बसने देने के पीछे कहीं ना कहीं अवैध अतिक्रमण की मानसिकता और वोट बैंक जिम्मेदार है। शहर में वर्तमान में 6 कच्ची बस्तियां हैं। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2004 में इन कच्ची बस्तियों का सर्वे हुआ था, जिसके बाद आज तक सर्वे नहीं हुआ है जबकि इन बस्तियों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। जिस पर नगरपरिषद व प्रशासन का ध्यान नहीं दिखाई देता है।
अब पता नहीं कितनी है झुग्गी झोपड़ी
नगरपरिषद के पास अब ये आंकड़ा भी नहीं है की शहर में बसी इन कच्ची बस्तियों में कितनी झुग्गी झोपडिय़ां हैं। बेशकीमती सरकारी जमीनों पर ही कच्ची बस्तियों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। सरकारी अधिकारियों, पार्षदों, मंत्री, विधायकों सबको इसका पता भी है लेकिन कोई इसे रोकने के लिए आगे नहीं आ रहा।
मिनी सचिवालय तक पहुंची कच्ची बस्ती
शुगर फैक्ट्री के पीछे कच्ची बस्ती में 2004 के सर्वे में 77 मकान का आंकड़ा है। जबकि अब बगवास कच्ची बस्ती शुगर फैक्ट्री के पीछे से धीरे-धीरे मिनी सचिवालय तक जा पहुंची है।
सब वोटों का खेल
जानकारों के अनुसार बढ़ती कच्ची बस्तियों के पीछे चुनावों में वोटों का खेल है। विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग इन कच्ची बस्तियों को बढ़ावा देते हंै। राजनेताओं की सरपरस्ती के कारण इन बस्तियों के खिलाफ कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जा रही।
यह है 2004 का कच्ची बस्तियों का सर्वे
कच्ची बस्ती मकान
तालाब खेड़ा 10
बगवास तालाब के पास 28
अहीर बस्ती 01
रूघनाथपुरा 06
मानपुरा 01
चालिसा 02
शुगर फैक्ट्री के पीछे 77

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2004 में हुआ था सर्वे
राज्य सरकार की ओर से 2004 में कच्ची बस्तियों का सर्वे किया गया था। सर्वे राज्य सरकार की ओर से किए जाते हंै।
अशोक कुमार जैन, आयुक्त नगरपरिषद प्रतापगढ़
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