पापमोचनी गंगाकुंड में लगाई डूबकी

गौतमेश्वर मेले में उमड़े श्रद्धालु

<p>pratapgarh</p>

अरनोद
कांठल, वागड़, मेवाड़ और मालवा क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गौतमेश्वर मेले के प्रमुख दिन सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालुओं ने पापमोचनी गंगाकुंड में डूबकी लगाई। यहां महादेव का अभिषेक किया और दान-पुण्य किया। मेले में सोमवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। यहां गंगाकुंड में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इसके बाद गौतमेश्वर और मंगलेश्वर महादेव के दर्शन किए। यहां यथास्थिति दान-पुण्य किया गया। मेले में झूलेए चकरीए डोमए होटलेंए फल आदि की दुकानें, श्रंगार, मिट्टी के बर्तनों की दुकानों पर लोग खरीदारी की।
सोमवती पूर्णिमा के दिन मुख्य मेले में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। ऐसे में दुकानदारों के चेहरों पर रौनक आई।
मेला व्यवस्थापक जमनालाल मीणा ने बताया कि रात्रि को नाइस आर्केस्ट्रा मुंबई द्वारा रंगारंग कायक्रम प्रस्तुत किए गए। जिनका मेले में आए हुए लोगों ने मनोरंजन किया। मन्दाकिनी गंगा कुंड पर सुबह से ही सोमवती पूर्णिमा का स्नान करने वालों की भीड़ रही और स्नान करने के बाद लोगों ने गोतमेश्वर महादेव और मंगलेश्वर महादेव का दर्शन किए। उप सरपंच पवन धाकड़ ने बताया कि मेले में सारी व्यवस्थाएं सही और सुचारू रूप से और शांतिपूर्ण चल रही है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा भी अमिनात कचहरी परिसर और गौतमेश्वर महादेव एवं मंगलेश्वर महादेव मंदिर की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। थानाधिकारी हजारीलाल मीणा मय जाप्ते के मेले की कानून बनाए हुए।
कई मठों के महंत पहुंचे
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी मठ श्री गौतमेश्वर महादेव मेले में भंडारे का आयोजन किया गया। मठ के महंत आनंदपुरी ने बताया कि काशी के थानापति महंत हीरापुरी, राष्ट्रीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री अभयपुरी, उदयपुरीया मठ के महंत नरसिंहपुरी, रींगस के महंत मालपुरी, ऋषिकेश से कार्तिक गीरि, हरिद्वार से थानापति भोलापुरी, कुंडाल मठ से रणपुरी, जयपुर से बसंतानंद, कारुंडा चौराहे से जमनापुरी एवं कंचनपुरी के साथ कई स्थानों के साधु-संतो ने भंडारे में भाग लिया।
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