ऑटो सेक्टर बेहाल, लेकिन इस ऑटो कंपनी ने निवेशकों को किया मालामाल

पांच साल पहले 7.5 लाख रुपये के निवेश पर करोड़ों का रिटर्न।
अगले साल अप्रैल माह से BS-VI नियम लागू होने के बाद इस कंपनी के प्रोडक्ट्स की मांग में बढ़ोतरी होगी।

नई दिल्ली। देश में आर्थिक मंदी को लेकर एक तरफ आम जनता बेहाल है तो वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष भी सरकार को आड़े हाथों लेने की तैयारी में जुटा हुआ है। जुलाई के बाद अगस्त माह में भी ऑटो सेक्टर का हाल खस्ता ही रहा। मांग में कमी आने के बाद ऑटो कंपनियों ने प्रोडक्शन में कटौती करने तक का फैसला लिया है। लेकिन, एक ऐसी कंपनी है जिसने ऑटो सेक्टर के इस खराब हालत में भी निवेशक की झोली जमकर भरी है।

इस कंपनी के रिटर्न का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं पांच साल पहले जिन निवेशकों ने बीएसई500 इंडेक्स की इस कंपनी अगर 7.5 लाख रुपये का निवेश किया था तो वो आज करोड़पति बन चुके हैं। हालांकि, हाल के दिनों में इस कंपनी के शेयरों में हल्की बिकवाली भी देखने को मिली है।

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पांच साल में 1700 फीसदी बढ़ा स्टॉक्स

इस कंपनी का नाम मिंडा इंडस्ट्रीज है। बीते 25 सालों में इस कंपनी के शेयर प्राइस में 1,244 फीसदी की इजाफा हुआ है, जोकि आज 336 रुपये प्रति शेयर है। इस दौरान बीएसई का ऑटो इंडेक्स सपाट रहा है। पिछले एक साल में यदि इस कंपनी के स्टॉक्स 27 फीसदी की गिरावट नहीं आती तो पिछले पांच साल में इस कंपनी का ग्रोथ 1700 फीसदी होता।

देश के ऑटो सेक्टर में इस कंपनी का नाम टॉप 5 में लिया जाता है। चार पहिया वाहनों के सेग्मेंट में यह कंपनी इलेक्ट्रॉनिक व मैकेनिकल सिक्योरिटी सिस्टम्स, इमोबिलाइजर, डोर हैंडल्स, इलेक्ट्रॉनिक बॉडी कंट्रोलर, स्टार्ट सिस्टम्स, पावर क्लोजर सिस्टम, एलईडी सॉफ्ट टच, कैमरा मॉड्यूल्स आदि बनाती है।

दोपहिया वाहनों के सेग्मेंट में यह कंपनी इग्नीशन स्विच, स्टियरिंग लॉक, फ्यूल टैंक कैप, केबल्स, टूल बॉक्स, लॉक्स, इमोबिलाइजर, मैग्नेटिक मॉड्यूल्स आदि बनाती है। साल 2014-19 के बीच में इस कंपनी का सेल्स 3.7 गुना बढ़ा है। जबकि, इस कंपनी का मुनाफा 2014 में 5.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 320 करोड़ रुपये हो गया है।

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आखिर क्यों इस कंपनी के स्टॉक्स में आई तेजी

विशेषज्ञों का मानना है कि चुनौतीपूर्ण माहौल में भी इस कंपनी ने मजबूत ऑपरेशनल परफॉर्मेंस को बनाये रखा। साथ ही, अगले साल अप्रैल माह से BS-VI नियम लागू होने के बाद इस कंपनी के प्रोडक्ट्स की मांग में बढ़ोतरी होगी। जिसमें, इंजन संबंधित सेंसर्स, एडवांस फिल्टरेशन सिस्टम्स, सीट बेल रिमाइंडर्स जैसे उपकरण शामिल होंगे। ऐसे में कंपनी को भारी मुनाफा होने वाला है।

स्लोडाउन का खतरा बरकरार

हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है ऑटो सेक्टर में मंदी की वजह से इस कंपनी को खतरा है। जून तिमाही में, साल-दर-साल के हिसाब से इस कंपनी का समेकित मुनाफा 23 फीसदी गिरकर 53.48 करोड़ रुपये रहा। एक फर्म का कहना है कि विदेशी बाजारों में पहुंच बनाने और अलॉय व्हील्स सेग्मेंट में अच्छा करने के बाद ऑपरेटिंग मार्जिन 12-12.5 फीसदी ही रहा।

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