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देश की सबसे बड़ी कंपनी है एलआईसी
जानकारों की मानें तो सरकार की कंपनी होने की वजह से प्राइवेट सेक्टर के कंपैरिजन में एलआईसी की मार्केट वैल्यू कम जरूर हो सकती है, लेकिन शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद एलआईसी को देश की सबसे बड़ी कंपनी बनने से कोई नहीं रोक सकता है। एसेट अंडर मैनेज्मेंट के लिहाज से एलआईसी मौजूदा समय में देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है।
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10 लाख करोड़ पहुंच सकता मार्केट कैप
जानकारों के अनुसार कंपनी मैनेजमेंट के तहत आने वाली एसेट्स के 25 से 30 फीसदी मूल्य पर भी एलआईसी का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकतस है। एलआईसी की 10 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर के आईपीओ को भी बाजार के लिए संभालना मुश्किल होगा। सरकार कंपनी का विनिवेश कई चरणों में करने के बारे में विचार कर सकती है। जानकारों के अनुसार एलआईसी को लिस्टेड करना भारतीय शेयर बाजारों के लिए सऊदी अरामको को सूचीबद्ध कराने जैसा लग रहा है। एलआईसी का आईपीओ दशक का सबसे बड़ा आईपीओ होने की संभावना है। आपको बता दें कि सऊदी अरामको को पिछले साल दिसंबर में सऊदी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कराया गया। कंपनी का वर्तमान मूल्य 117.82 अरब डॉलर के आसपास है।
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धन जुटाने का अच्छा विकल्प है एलआईसी का आईपीओ
जानकारों की मानें तो कंपनी के कामकाज ( कॉरपोरेट गर्वनेंस ) और पारदर्शिता के लिए एलआईसी का आईपीओ बेहतर हो सकता है। साथ ही आने वाले सालों में यह सरकार के लिए धन जुटाने का अच्छा विकल्प होगा। एलआईसी के आईपीओ का बेसब्री से इंतजार रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी को भारतीय शेयर बाजारों में लिस्टेड कराने की सारी संभावनाओं को स्पष्ट कर दिया। इसकी एक बड़ी वजह 2020-21 के विनिवेश लक्ष्य को पाना है। इससे सरकार को अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को भरने में मदद मिलेगी।