इथीरियम: बाजार पूंजीकरण के लिहाज से यह दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित विकेंद्रीकृत ओपन सोर्स ब्लॉकचेन की मदद से बनाया गया है। ईथर असल में इथीरियम ब्लॉक चेन की क्रिप्टोकरेंसी है। यह बिटकॉइन ब्लॉकचेन से अलग एकदम नई ब्लॉकचेन है।
बाइनैंस कॉइन: बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से यह तीसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसका इस्तेमाल बाइनैंस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर शुल्क अदा करने में किया जाता है। डवलपरों के बीच बाइनैंस चेन की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, क्योंकि इससे उनके नेटवर्क पर लेन-देन करना काफी आसान है।
रिपल: यह ब्लॉकचेन पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल बड़ी कंपनियां करती हैं, जिन्हें भारी रकम लेनी-देनी होती है।
लाइटकॉइन: यह बिटकॉइन का हल्का और ज्यादा रफ्तार वाला रूप है। इसे बिटकॉइन के सोर्स कोड पर ही बनाया गया है, इसलिए इसमें और बिटकॉइन में काफी समानता है। असल में इसे कम कीमत वाले लेन-देन करने के लिए तैयार किया गया था और रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिहाज से यह काफी अच्छी है।
टोकन: कई कंपनियों ने अपनी मुद्राएं निकाल दी हैं, जिन्हें टोकन कहा जाता है। इनका इस्तेमाल उसी कंपनी से सामान या सेवाओं के लेन-देन में किया जा सकता है, जिसने इन्हें जारी किया है। अगर आप अपना टोकन तैयार करना चाहते हैं, तो नई ब्लॉकचेन बनाने की कोई जरूरत नहीं है। पहले से मौजूद पर काम करना संभव।
बाजार में मौजूद हैं कई क्रिप्टोकरेंसी-
एक अनुमान के अनुसार, दुनिया में फिलवक्त 6,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं और आभासी मुद्राओं के बाजार में उनकी हिस्सेदारी 34 फीसदी के करीब है। बिटकॉइन की सफलता के बाद कई क्रिप्टोकरेंसी बाजार में उतारी गई हैं। बाजार हैसियत के लिहाज से बिटकॉइन के बाद शीर्ष 5 क्रिप्टोकरेंसी इथीरियम, बाइनैंस कॉइन, टीथर, पोल्काडॉट और कार्डेनो हैं। रिपल और लाइटकॉइन भी लंबे अरसे तक इस फेहरिस्त में डटे रहे थे और अब भी दोनों आस-पास ही हैं।