आरबीआई के एक सुझाव से इस बैंक ने मचाई शेयर बाजार में धूम, 11 सालों की सबसे बड़ी तेजी

आईडीएसफी लिमिटेड के शेयरों में 11 साल के बाद इंट्रा में सबसे बड़ी तेजी
आईडीएसफी फर्स्ट बैंक के शेयर में 10 फीसदी का उछाल, 8 महीने के उच्चतम स्तर पर

<p>IDFC, IDFC First Bank Shares rose On RBI’s New Banking Proposals</p>

नई दिल्ली। आरबीआई द्वारा गठित एक समूह ने बैंकिंग नियमन कानून में जरूरी संशोधन के बाद बड़ी कंपनियों को बैंकों का प्रवर्तक बनने की अनुमति देने का और मौजूदा समय में प्राइवेट में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रस्ताव के बाद आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। जहां आईडीएसफी लिमिटेड के शेयरों में 11 साल के बाद इंट्रा में सबसे बड़ी तेजी आई है। वहीं बैंक के शेयर 8 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

आईडीएफसी लिमिटेड के शेयर में 20 फीसदी का अपर सर्किट
आईडीएफसी के शेयर में आज 20 फीसदी का अपर सर्किट देखने को मिला है। इंट्रा डे में आईडीएफसी की यह मई 2009 के बाद सबसे बड़ी तेजी है। वहीं कंपनी का शेयर भी 10 महीने के उच्च स्तर पर है। आंकड़ों के अनुसार बीएसई पर आईडीएफसी लिमिटेड का शेयर 6.65 रुपए यानी 19.88 फीसदी की तेजी के साथ 40.10 रुपए पर कारोबार कर रहा है। जबकि आज कंपनी का शेयर 37.70 रुपए पर खुला था। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 33.45 रुपए पर बंद हुआ था। कंपनी के शेयर की 52 हफ्तों की उंचाई 40.50 रुपए है। यानी अपना रिकॉर्ड तोडऩे में कंपनी सिर्फ 40 पैसे से पीछे रह गए।

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आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरों में 10 फीसदी की तेजी
वहीं दूसरी ओर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरों में 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है। 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ दिन के 37.75 रुपए के साथ उपरी स्तर पर गया। जबकि आज कंपनी का शेयर 34.45 रुपए पर खुला था। आपको बता दें कि शुक्रवार को बैैंक का शेयर 33.55 रुपए पर बंद हुआ था। वहीं मौजूदा समय में कंपनी का शेयर 36.60 रुपए पर कारोबार कर रहा है। इस तेजी के बाद बैंक का शेयर 8 महीने के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहा है।

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रिजर्व बैंक की समिति के सुझाव
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित एक समूह ने बैंकिंग नियमन कानून में जरूरी संशोधन के बाद बड़ी कंपनियों को बैंकों का प्रवर्तक बनने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है। साथ ही निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी की सीमा बढ़ाकर 26 प्रतिशत किये जाने की सिफारिश की है। समूह ने बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में तब्दील करने का भी प्रस्ताव दिया है।

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