टांडा में आज खेली जाएगी ल_ होली होली

-वर्षो से हो रहा परम्परा का उत्साह के साथ निर्वहन

प्रतापगढ़. रंगोत्सव के अवसर पर प्रदेश के दक्षिणांचल प्रतापगढ़ जिले में होली परम्परागत रंगो के साथ बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। बृृज की भांति जिले के प्रतापगढ़ पंचायत समिति के टाण्डा गांव मे आज भी वर्षो से परम्पराओ का निर्वहन किया जा रहा है। होली पर सभी पुरूष एवं महिलाएं उल्लास से ल_ होली होली खेलते हैं। गांव के दशरथ लबाना ने बताया कि गांव की परम्परा के अनुसार यह आयोजन सदियों से चलता आ रहा है। ल_ होली होली टाण्डा गांव के नायक गौतम लबाना के खेत पर रविवार को सांय 5 बजे होली खेली जाएगी। होली में महिलाओं द्वारा पुरूषो पर ल_ बरसाए जाएंगे। पुरूष सहजता के साथ ल_ की मार को सहन करते हुए बचाव करेंगे। ल_ होली से पहले गांव के बीच में शाम ढलने से पूर्व विधि विधानपूर्वक पूजा अर्चना के साथ पुरूष व महिलाओ द्वारा ललेनो नृत्य नगाड़ों के थपथपाहाट से शुरू किया जाएंगे। इसके बाद ललेनो नृत्य के साथ लट्टमार होली खेली जाएगी। नेजा लूटने के दौरान पुरूषो को घेर-घेर कर लाठियां बरसाई जाती है। जबकी पुरूष अपनी लाठियां के वार का बचाव आकर्षक दम पर करते है।
महिलाओ को सम्मान देने का पर्व
गांव के बुजुर्गो के अनुसार पुरूष प्रधान समाज में महिलाओ के समानता का दर्जा बना रहे इसके लिए इस प्रकार के कार्यक्रम रखे थे। पुराने समय में पुरूष प्रधान समाज में जहां महिलाओं की उपेक्षा की जाती थी। इससे महिलाओ में पुरूष समाज के प्रति उत्पन्न कुंठा के भाव को दूर करने के लिए लट्टमार होली का आयोजन किया जाता था। इस दिन पुरूष खुशी-खुशी महिलाओं से मार खाकर गिले शिकवों को दूर करेंगे। इस खेल को खेलने से पहले पूर्व भगवान शिव व पार्वती के सुखमय जीवन के गीतो का गायन करेंगे।
तैयारियां पूर्ण
ल_ होली के लिए शनिवार को रात्रि में सभी पुरूषों द्वारा खेत में 80 किलो गेहूं से भरी हुई बोरी बांधी जाती है। उसके उपर नगाड़ा बांधा जाता है। लट्टमार होली को लेकर ग्रामीणो ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। टाण्डा गांव के माधु लबाना पुत्र गौतम लबाना नायक ने बताया कि यह आयोजन लम्बे समय से चलता आ रहा है। इस पर्व को स्थानीय भाषा मे नेजा लूटना कहा जाता है।
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कांठल में होली के साथ गेर नृत्य की धूम
इक्का-दुक्का स्थानों पर मनाई होली
होलिका का किया दहन
प्रतापगढ़
रंगों का पर्वहोली कांठल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस मौके पर शहर समेत जिले में गुरुवार को होलिका दहन किया और दूसरे दिन शुक्रवार को कई स्थानों पर धुलंडी खेली गई। वहीं अब जिलेभर में गेर नृत्य के आयोजन भी शुरूहो गए है। जो रंगतेरस तक चलेंगे। हालांकि कांठल में रंग तेरस मनाने की परम्परा होने से धुलंडी इक्का-दुक्का स्थानों पर ही खेली गई। होली पर्वको लेकर शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में उल्लास का माहौल रहा। शाम को बालिकाओं ने बडुलियों से बनी माला होली को पहनाई। पूजा-अर्चना के बाद होलिका दहन किया गया।घरों में पापडिय़ां और अन्य व्यंजन बनाए गए।दूसरे दिन से होली जलने के स्थान पर जल का छिडक़ाव कर ठंडी की गई।परम्परा के अनुसार यह क्रम इससे सात दिन सप्तमी तक चलेगा।इसके अलावा धुलंडी पर कई स्थानों पर गेर नृत्य का आयोजन शुरू हो गए।
बारावरदा
क्षेत्र के आदिवासी क्षेत्र में कईपरंपराओं के साथ होली का पर्व मनाया गया। आदिवासी गेर नृत्य खेला गया। जिसमें ढोल-नगाड़ों के के ताल पर थिरकते हुए गेर नृत्य खेला गया।नव विवाहित युवकों ने होली के सात फेरे लिए। बताया गया कि यह परम्परा कई वर्षों से चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि होली के सात 7 फेरे लगाने से सुख शांति और समृद्धि का और विवाहित जोड़े की सुखी जीवन रहता है। वहीं महिलाएं होली को ठंडा कर अपने परिवारों में किसी की मृत्यु हो जाती है तो वहां एकत्रित होकर शोक प्रकट करती हैं।
छोटीसादड़ी
आपसी वैर विरोध को भुलाकर भाईचारे को बढ़ावा देने वाले होली पर्व पर लोगों में भारी उत्साह दिखाई दिया। नगर में होली चौक, मीणा चौराहा, इंदिरा गांधी कॉलोनी व उपखण्ड क्षेत्र के रामदेवजी, स्वरूपगंज, सेमरथली, कारुण्डा, केसुन्दा, नाराणी ए धामनिया एअम्बावलीए जलोदिया केलूखेड़ा सहित जगह गुरुवार शाम होलिका दहन किया गया।
महिलाएं तथा बच्चे होली पूजन के लिए सुबह से ही सज-धजकर होलिका दहन स्थलों पर पहुंचने शुरू हो गए थे। उन्होंने होलिका में गोबर की बुरकलियों से बनी मालाएं भी चढ़ाईं। महिलाओं ने होली के मंगल गीत गाए। घरों में इस वर्ष जन्में बच्चों का ढूंढोत्सव मनाया गया।
पीपलखूंट
उपखण्ड के एकलव्य उच्च माध्यमिक विद्या निकेतन के मैदान में गेर नृत्य का आयोजन किया गया। पावटी, बोरखेडा, उगमनापाडा, डूंगरीपाडा के युवक युवतियों द्वारा रंग बिरंगे परिधानों में नृत्य किया। हाथ में लकडी का डंडा व तलवार लेकर पंरपरागत गेर नृत्य खेला गया।
पुलिस लाइन में होली
प्रतापगढ़. यहां धरियावद रोड स्थित रिजर्व पुलिस लाइन में शनिवार को होली खेली गई।पुलिस के जवानो और अधिकारियों ने होली खेली। सभी पुलिसकर्मियों ने जमकर नृत्य किया। पुलिसकर्मी धुलेंडी के दिन रंगों का ये त्योहार ड्यूटी में लगे होने के कारण नहीं मना पाते है इसलिए दूसरे दिन होली खेलते है।
मेरियाखेड़ी
मेरियाखेडी क्षेत्र मे होली का पर्व उत्साह से मनाया गया। लोगों ने ढोल की थाप पर गीत गाते हुऐ गेर नृत्य भी किया। इसी प्रकार आस पास गांव मेरियाखेडी, उमरदां, तलाया,ं जोडामहुडा, ढीकनिया, खीजनखेडा, उण्डाखोरा, पाडाखोरा, नारायणखेडा आदि गांवों में होली व धुलण्डी का पर्व मनाया गया।
सालमगढ़
रंगोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।सालमगढ़ में होली पर्व कर कल धुलंडी को सालमगढ़ के युवाओं, महिलाओं व बच्चों द्वारा अबीर-गुलाल के साथ होली खेली। हनुमान मंदिर से गेर की शुरुआत की गई। बाजे गाजे के साथ पूरे गांव में होली खेली गई। जगह-जगह लोगों को गुलाल लगाया गया। साथ ही सभी ने होली पर एक दूसरे को रंग लगाकर शुभकामनाएं दी।
मोवाई
मोवाई व शौली और परपटिया के और कोटड़ी आदि गांवों में ढोल-नगाढों से नाचते हुई गांव में आयोजन किए गए। रंग-गुलाल लगाया गया।
जिला कारागृह में खेली गेर
प्रतापगढ़
जिला कारागृह बंदियों ने प्रेम और भाईचारे का पर्व होली धूमधाम से मनाया। होली के दूसरे दिन धुलेंडी पर कैदियों ने एक दूसरे के ऊपर रंग तथा गुलाल लगाकर खुशी जाहिर की। जेल प्रभारी पारसमल जांगिड़ के अनुसार कारागृह में होली तथा धुलंडी का पर्व मनाया गया। होली के दिन कैदियों ने आदिवासी गैर नृत्य करके मनोरंजन किया तथा अपनी कला का प्रदर्शन किया।
अरनोद
कस्बे और आसपास के क्षेत्रों में होली और धुलंडी का त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। धुलंंडी पर गांवों में खासा उत्साह रहा। हालांकि रंग तेरस का त्योहार पूरे जोश से मनाते है।
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