केन्द्र की उपयोगिता के लिए जागरुकता की जरूरत सात माह में 50 प्रकरण पहुंचे प्रतापगढ़ यहां जिला चिकित्सालय परिसर में स्थापित वन स्टॉप क्राइसिस मैनेजमेंट सेन्टर फॉर वुमेन (सखी) सेंटर अब पीडि़त महिलाओं के लिए कारगर साबित हो रहा है। सात माह पहले शुरू किए गए सेंटर पर अब तक 50 प्रकरण पहुंचे है। हालांकि यह आंकड़ा काफी कम है। इसके पीछे जिले में सेंटर के बारे में प्रचार-प्रसार नहीं होना सामने आया है। इस सेंटर की उपयोगिता अब तक जिले के सुदूर गांवों में नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में सेंटर के बारे में जागरुकता की भी आवश्यकता है। गत वर्ष नई दिल्ली में निर्भया कांड व महिलाओं और बालिकाओं पर जघन्य अपराध को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जिला चिकित्सालय में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया था। इसके तहत भारत सरकार की ओर से स्थापित निर्भया फंड की राशि से संचालित यह केंद्र पीडि़त महिलाओं को राहत और उत्पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संचालित किया गया था। इसका उद्घाटन 5 सितम्बर को किया गया था। यह है उद्देश्य इसका उद्देश्य उत्पीडि़त महिलाओं जरूरत के मुताबिक एक ही स्थान पर चिकित्सा, पुलिस, विधिक एवं परामर्श संबंधी सहायता एकल खिडक़ी के माध्यम से उपलब्ध करवाना है। सेंटर का संचालन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बनी प्रबंधन कमेटी के मार्गदर्शन में चयनित एनजीओ संकल्प सेवा संस्थान कपासन द्वारा किया जा रहा है। यह केंद्र 24 घंटे संचालित रहता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से एडवोकेट पैनल के जरिए नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती। अब तक 35 प्रकरणों का निस्तारण यहां केन्द्र पर अब तक 52 प्रकरण पहुंचे है। जिनमें घरेलू हिंसा, दहेज, दुष्कर्म, महिला हिंसा, कार्यस्थल पर यौन शोषण आदि के मामले शामिल है। इनमें से 35 प्रकरणों को निस्तारण केन्द्र की ओर से किया गया है। जबकि अन्य प्रकरण विचाराधीन है।
बाइट पूजासिंह राणा केन्द्र प्रभारी, वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर फॉर वुमेन, प्रतापगढ़