जीवन में आत्मविश्वास को मजबूत रखें विद्यार्थी: प्रभारी मंत्री आर्य
विद्यार्थी मेहनत से अपनी पढ़ाई करें एवं जो पढ़ा है उसके अनुरूप बेहतर कार्य करने का आत्मविश्वास मजबूत करें। वे अपने लगन एवं आत्मविश्वास से उन्नति की ऊंचाइयां छू सकेंगे। यह बात जिले के प्रभारी मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहीं। वे शुक्रवार को बैतूलबाजार स्थित प्रदेश के प्रथम स्थापित समेकित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित मिल बांचें मध्यप्रदेश कार्यक्रम में विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि वे अपने माता-पिता का सम्मान करें एवं प्रतिदिन उनसे आशीर्वाद लें। आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही बड़ों के पांव छूने से हमारा अहंकार समाप्त होता है। गुरू एवं माता-पिता का आशीर्वाद मिलने से हमें बड़े बनने की शक्ति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में आगे बढऩे के लिए अच्छी पढ़ाई करें। हमारी शुभकामनाएं उनके साथ है। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को अपने जन्मदिन के अवसर पर आवश्यक रूप से एक पौधा लगाने की सीख दी। उन्होंने विद्यार्थियों से भी अध्ययन के संबंध में उनके विचार सुने। कार्यक्रम में विधायक हेमन्त खंडेलवाल, पूर्व सहकारी बैंक अध्यक्ष बसंत माकोड़े, नगर परिषद् बैतूलबाजार अध्यक्ष सुधाकर पंवार, श्रीराम भलावी सहित अन्य मौजूद थे।
विद्यार्थी मेहनत से अपनी पढ़ाई करें एवं जो पढ़ा है उसके अनुरूप बेहतर कार्य करने का आत्मविश्वास मजबूत करें। वे अपने लगन एवं आत्मविश्वास से उन्नति की ऊंचाइयां छू सकेंगे। यह बात जिले के प्रभारी मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहीं। वे शुक्रवार को बैतूलबाजार स्थित प्रदेश के प्रथम स्थापित समेकित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित मिल बांचें मध्यप्रदेश कार्यक्रम में विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि वे अपने माता-पिता का सम्मान करें एवं प्रतिदिन उनसे आशीर्वाद लें। आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही बड़ों के पांव छूने से हमारा अहंकार समाप्त होता है। गुरू एवं माता-पिता का आशीर्वाद मिलने से हमें बड़े बनने की शक्ति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में आगे बढऩे के लिए अच्छी पढ़ाई करें। हमारी शुभकामनाएं उनके साथ है। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को अपने जन्मदिन के अवसर पर आवश्यक रूप से एक पौधा लगाने की सीख दी। उन्होंने विद्यार्थियों से भी अध्ययन के संबंध में उनके विचार सुने। कार्यक्रम में विधायक हेमन्त खंडेलवाल, पूर्व सहकारी बैंक अध्यक्ष बसंत माकोड़े, नगर परिषद् बैतूलबाजार अध्यक्ष सुधाकर पंवार, श्रीराम भलावी सहित अन्य मौजूद थे।
कुछ बनना है तो स्वयं से सवाल करना जरूरी: कलेक्टर मिश्र
मिल बांच अभियान के तहत कलेक्टर शशांक मिश्र दोपहर ठीक बारह बजे बैतूलबाजार स्थित कृषि माध्यमिक शाला पहुंच गए थे, लेकिन उस वक्त बच्चे मैदान में खेल रहे थे। कलेक्टर को गाड़ी से उतरता देख शिक्षकों ने तत्काल सभी बच्चों को एक कक्षा में बैठा दिया। कक्षा में पहुंचते ही कलेक्टर मिश्र ने सबसे पहले बच्चों से एक ही सवाल किया कि आप कितने घंटे पढ़ाई करते हैं, सवाल के जवाब में कुछ बच्चों ने हाथ ऊपर उठाए और कहा एक घंटे। कलेक्टर आश्चर्य में पढ़ गए उन्होंने कहा कि जब स्कूल में सुबह १० से शाम ५ बजे तक सात घंटे पढ़ाई करते हैं तो उसके रिविजन के लिए एक घंटा कैसे पर्याप्त हैं। उन्होंने छात्रों के बौद्धिक स्तर को परखने के लिए कुछ सवाल किए लेकिन जिझक के मारे कोई छात्र जवाब नहीं दे सका। कलेक्टर ने कहा कि जिंदगी में यदि कुछ बनना है या कोई मुकाम हासिल करना है तो सबसे पहले अपने आप से सवाल करना सीखो। यदि आप खुद से सवाल करना सीख जाओगे तो आपके लिए हर चीजें आसान हो जाएंगी। उन्होंने छात्रों से गणित विषय से संबंधित त्रिभुज, चतुर्भुज, समकोण, वर्ग एवं आयात जैसे सवाल किए। जिनका बहुत कम छात्र सही जवाब दे सके। कलेक्टर को ब्लैक बोर्ड पर त्रिभुज, चतुर्भुज की आकृति बनाकर विस्तारपूर्वक छात्रों को बताना पड़ा।उन्होंने छात्रों से पढऩे की आदत डालने की बात कहीं और पूछा कि कितने छात्र नावेल पढ़ते हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जिस पर कलेक्टर ने शिक्षकों से स्कूल की लायब्रेरी में पुस्तकें एवं नावेल रखे जाने के निर्देश दिए। ताकि छात्र उनका अध्ययन कर सके। कलेक्टर ने छात्रों से यह सवाल भी पूछा कि आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं तो सभी ने अलग-अलग जवाब दिए।आखिर में कलेक्टर ने सभी छात्रों को चाकलेट बांटी और कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई करें तभी आपको सफलता मिलेगी।
मिल बांच अभियान के तहत कलेक्टर शशांक मिश्र दोपहर ठीक बारह बजे बैतूलबाजार स्थित कृषि माध्यमिक शाला पहुंच गए थे, लेकिन उस वक्त बच्चे मैदान में खेल रहे थे। कलेक्टर को गाड़ी से उतरता देख शिक्षकों ने तत्काल सभी बच्चों को एक कक्षा में बैठा दिया। कक्षा में पहुंचते ही कलेक्टर मिश्र ने सबसे पहले बच्चों से एक ही सवाल किया कि आप कितने घंटे पढ़ाई करते हैं, सवाल के जवाब में कुछ बच्चों ने हाथ ऊपर उठाए और कहा एक घंटे। कलेक्टर आश्चर्य में पढ़ गए उन्होंने कहा कि जब स्कूल में सुबह १० से शाम ५ बजे तक सात घंटे पढ़ाई करते हैं तो उसके रिविजन के लिए एक घंटा कैसे पर्याप्त हैं। उन्होंने छात्रों के बौद्धिक स्तर को परखने के लिए कुछ सवाल किए लेकिन जिझक के मारे कोई छात्र जवाब नहीं दे सका। कलेक्टर ने कहा कि जिंदगी में यदि कुछ बनना है या कोई मुकाम हासिल करना है तो सबसे पहले अपने आप से सवाल करना सीखो। यदि आप खुद से सवाल करना सीख जाओगे तो आपके लिए हर चीजें आसान हो जाएंगी। उन्होंने छात्रों से गणित विषय से संबंधित त्रिभुज, चतुर्भुज, समकोण, वर्ग एवं आयात जैसे सवाल किए। जिनका बहुत कम छात्र सही जवाब दे सके। कलेक्टर को ब्लैक बोर्ड पर त्रिभुज, चतुर्भुज की आकृति बनाकर विस्तारपूर्वक छात्रों को बताना पड़ा।उन्होंने छात्रों से पढऩे की आदत डालने की बात कहीं और पूछा कि कितने छात्र नावेल पढ़ते हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जिस पर कलेक्टर ने शिक्षकों से स्कूल की लायब्रेरी में पुस्तकें एवं नावेल रखे जाने के निर्देश दिए। ताकि छात्र उनका अध्ययन कर सके। कलेक्टर ने छात्रों से यह सवाल भी पूछा कि आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं तो सभी ने अलग-अलग जवाब दिए।आखिर में कलेक्टर ने सभी छात्रों को चाकलेट बांटी और कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई करें तभी आपको सफलता मिलेगी।