पॉवर हाउस में मचा हडक़ंप
बताया जा रहा है कि पम्प हाउस डूबते ही पॉवर हाउस प्रबंधन में हडक़ंप मच गया। आनन-फानन में पहले तो 210 मेगावाट की 7 नंबर यूनिट को बंद कराया गया। फिर मौके पर पहुंचकर चीफ इंजीनियर समेत अन्य अधिकारियों ने पम्प हाउस से राखयुक्त पानी निकालने का प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिली तो नगरपालिका से मदद लेने का प्रयास किया गया। सूत्र बताते हैं कि ऐश पम्प हाउस की चार मोटरें डूब गई है। पानी खाली कराने में सुबह तक का समय लगेगा। मोटरें चालू नहीं होने की स्थिति में नई मोटरें लगाकर ऐश लाइन चालू कराई जाएगी।
बताया जा रहा है कि पम्प हाउस डूबते ही पॉवर हाउस प्रबंधन में हडक़ंप मच गया। आनन-फानन में पहले तो 210 मेगावाट की 7 नंबर यूनिट को बंद कराया गया। फिर मौके पर पहुंचकर चीफ इंजीनियर समेत अन्य अधिकारियों ने पम्प हाउस से राखयुक्त पानी निकालने का प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिली तो नगरपालिका से मदद लेने का प्रयास किया गया। सूत्र बताते हैं कि ऐश पम्प हाउस की चार मोटरें डूब गई है। पानी खाली कराने में सुबह तक का समय लगेगा। मोटरें चालू नहीं होने की स्थिति में नई मोटरें लगाकर ऐश लाइन चालू कराई जाएगी।
लाखों का फर्नेस आइल जला
मोटरों में पानी और राख भरा जाने से खराब होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। खबर यह भी है कि यूनिट लाइटअप करने से ऐश पम्प हाउस की मोटरें डूबने तक के बीच लाखों रुपए का फर्नेस आइल जल गया है। इस संबंध में सतपुड़ा पॉवर प्लांट के पीआरओ वीसी टेलर ने बताया कि एक सीरिज में मेंटनेंस का काम चल रहा था। लीकेज पास होकर ऐश पम्प हाउस में पानी भरा गया होगा। यूनिट बाक्सअप की गई है। मोटरें ड्राय या बदलकर यूनिट चालू की जाएगी।
मोटरों में पानी और राख भरा जाने से खराब होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। खबर यह भी है कि यूनिट लाइटअप करने से ऐश पम्प हाउस की मोटरें डूबने तक के बीच लाखों रुपए का फर्नेस आइल जल गया है। इस संबंध में सतपुड़ा पॉवर प्लांट के पीआरओ वीसी टेलर ने बताया कि एक सीरिज में मेंटनेंस का काम चल रहा था। लीकेज पास होकर ऐश पम्प हाउस में पानी भरा गया होगा। यूनिट बाक्सअप की गई है। मोटरें ड्राय या बदलकर यूनिट चालू की जाएगी।
बेकिंग डाउन पर चल रही चार इकाइयां
मानसून की दस्तक से प्रदेश में बिजली की मांग कम होने लगी है। रविवार शाम बिजली की मांग घटकर 6 हजार मेगावाट से नीचे आ गई। इसका असर यह हुआ कि सतपुड़ा की 4 चालू इकाइयों को बेकिंग डाउन पर चलाना पड़ रहा है। 1330 मेगावाट क्षमता के सतपुड़ा पॉवर प्लांट से रविवार को 620 मेगावाट उत्पादन हुआ। प्लांट में रविवार तक 85 हजार मीट्रिक टन कोल स्टॉक है।
मानसून की दस्तक से प्रदेश में बिजली की मांग कम होने लगी है। रविवार शाम बिजली की मांग घटकर 6 हजार मेगावाट से नीचे आ गई। इसका असर यह हुआ कि सतपुड़ा की 4 चालू इकाइयों को बेकिंग डाउन पर चलाना पड़ रहा है। 1330 मेगावाट क्षमता के सतपुड़ा पॉवर प्लांट से रविवार को 620 मेगावाट उत्पादन हुआ। प्लांट में रविवार तक 85 हजार मीट्रिक टन कोल स्टॉक है।