शहर में बनेगा अम्बेडकर भवन, मिलेगी एसी शौचालय की सुविधा

-शहर विकास के लिए जारी हुए डेढ करोड़ रुपए

प्रतापगढ़. प्रतापगढ़ शहर के विकास पर डेढ करोड़ से अधिक की राशि खर्चहोगी। राज्य सरकार ने बजट 2018-19 के तहत प्रतापगढ़ शहर को अम्बेडकर भवन बनाने, एसी शौचालय बनाने सहित शौचालयों का सुधार करने व मुक्तिधामों की समस्याओं का समाधान को लेकर स्वीकृति जारी कर दी है।इसकी सूचना प्रतापगढ़ नगर परिषद को मिल गईहै। अब परिषद भी तैयारियों में जुट गईहै।
अम्बेडकर भवन: 67 लाख रुपए होंगे खर्च
राज्य सरकार ने प्रतापगढ़ शहर को अम्बेडकर भवन की सौगात दी है। इस भवन के निर्माण पर 67 लाख रुपए खर्चहोंगे। इस भवन में एक बड़ा हॉल, दो कमरे, महिला व पुरुष अलग-अलग शौचालय, रसाई व स्टोर की सुविधा उपलब्ध होगी। इस भवन का उपयोग सार्वजनिक कार्यों में किया जा सकेगा। आगामी 14 अप्रेल को इस भवन के शिलान्यास की उम्मीद है।
मुक्तिधाम: मिलेगी सुविधाएं
शहर के मुक्तिधामों को समस्या मुक्त किया जाएगा। शमशान व कब्रिस्तान विकास पर 40 लाख रुपए खर्चहोंगे। इसमें दाह संस्कार स्थल पर टीन शेड, बैठने के लिए बैंच, टीन शेड, पेयजल, शौचालय, स्नानघर, वृक्षारोपण व चारदीवारी विकास कार्यहोंगे। शहर में मानपुरा, बगवास सहित अन्य मुक्तिधामों के दिन फिरेंगे।
सार्वजनिक शौचालय-50 लाख रुपए होंगे खर्च
शहर के शौचालयों के विकास की कड़ी में अब एसी युक्त शौचालय का भी निर्माण होगा। इस शौचालय में सेनटरी नेपकिन वेंडर मशीन, टिश्यू पेपर वेंडिंग मशीन लगेगी। साथ ही दिव्यांगों को विशेष ध्यान रखा जाएगा।
मिली स्वीकृति
-बजट घोषणा के तहत प्रतापगढ़ में अम्बेडकर भवन निर्माण, वातानुकूलित शौचालय व मुक्तिधामों का विकास कार्यकिया जाएगा। इसकी स्वीकृति मिल गईहै।बजट जारी हो गया है।
अशोक कुमार जैन, आयुक्त, नगर परिषद
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23 मई 2016 को बना तखमीना
20 जून 2016 को टेण्डर
7 नवम्बर 2016 को कार्य आदेश जारी
कार्य पूर्ण करने की अवधि
जून 2018
लागत 4 करोड़
अब तक किया गया भुगतान
82.93 लाख
50 अभ्यर्थियों की है क्षमता
संभावनाओं को लगे पंख
बजट मिले तो अगले सत्र में शुरु हो सकता है एसटीसी कोर्स
प्रतापगढ़. जिले का गठन होने को एक दशक बीत गया है। राज्य में हनुमानगढ़ और प्रतापगढ़ जिले ही ऐसे है जहां जिले के गठन के एक दशक बाद भी राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसके लिए विभागीय लचर प्रणाली के साथ जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी जिम्मेदार है। जिला मुख्यालय के बांसवाड़ा रोड पर निर्माणाधीन भवन जून तक तैयार होकर विभाग को सौंपा जाएगा। इसमें भी अब तक के बजट को देखते हुए समय पर कार्य पूरा हो जाए। इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

अब तक यह है स्थिति
जिले में राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (डाईट) केन्द्र नहीं होने से जनजाति बाहुल्य जिले के अभ्यर्थियों को काफी नुकसान हो रहा है। इसके अभाव में अभ्यर्थियों को अन्य शहरों में जाकर अपना प्रशिक्षण प्राप्त करना पड़ रहा है। इससे समय एवं श्रम जाया होता है, वहीं मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। मेरिट आधारित प्रवेश के चलते कई बार अभ्यर्थी इससे वंचित रह जाते हैं।
मिलेगा फायदा
यदि इस सत्र में भवन निर्माण का कार्य पूरा हो जाता है तो जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के अभ्यर्थियों को भटकना नहीं पड़ेगा। जिले में अपना स्वयं का भवन और केन्द्र मिलने से काफी लोगों को इसका फायदा होगा।

भवन बने तो काम चले
नए सत्र में प्रशिक्षण शुरु होने की संभावना है। बजट समय पर आवंटित हो जाए तो संभवत: जून में भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
दुर्गा शंकर सुथार सुथार
प्रिंसीपल, राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा केन्द्र(डाईट)
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