गैस सिलेंडर, सब्जियों के बाद अब मसालों में लगी आग, जानिए कितना महंगा हुआ धनिया

धनिया बीते एक साल में 35 फीसदी तक हुआ महंगा, 7400 रुपए प्रति टन का आए दाम
जून 2015 में धनिए ने बनाया ऑल टाइम हाइक का रिकॉर्ड, 13,400 रुपए पहुंचे थे दाम

<p>After gas cylinders and vegetables, coriander has become expensive</p>

नई दिल्ली। जब भी गैस सिलेंडर या सब्जियां महंगी होती है तो पूरे देश में सुर्खियां बनती है। सवाल यह है कि रसोई का बजट सिर्फ गैस सिलेंडर, सब्जियां के दाम ही बढ़ाते है। या खाने के तेल की कीमत में इजाफा होने से ही आपका बजट खराब होता है। जवाब है नहीं? आपकी रसोई का बजट बिगाडऩे में और भी कई कारण हैं और वो हैं मसालों की कीमतें, जिनकी ओर अमूमन किसी का ध्यान नहीं जाता है। पहले हल्दी और अब धनिया के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। बीते एक साल में धनिया 35 फीसदी तक महंगा हो गया है। जानकारों की माने तो आने वाले दो महीनों में यह आंकड़ा 100 फीसदी के पार भी जा सकता है। पढिय़े patrika.com की विशेष रिपोर्ट…

धनिया बिगाड़ रहा है सब्जी का स्वाद
धनिया एक ऐसा मसाला है जो हर सब्जी में डाला जाता है। इससे सब्जी के स्वाद और रंगत में कुछ और असर आ जाता है। ऐसे में इसकी डिमांड भी काफी रहती है, खासकर भारत जैसे देश जहां मसालों को कुछ ज्यादा ही तरजीह दी है। मौजूदा समय में धनिया के दाम में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। एनसीडीईएक्स पर धनिए का भाव 3 फीसदी यानी 216 रुपए प्रति टन की तेजी के साथ 7340 रुपए प्रति टन पर कारोबार कर रहा है। जबकि आज धनिया 7408 रुपए के साथ दिन के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था।

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एक साल में 35 फीसदी का इजाफा
आंकड़ों के अनुसार धनिया बीते एक साल में 35 फीसदी तक बढ़ गया है। 16 मार्च 2020 को धनिया 5430 रुपए प्रति टन था, जो आज बढ़कर 7400 रुपए प्रति टन पर आ गया है। जानकारों की मानें तो आने वाले दो महीनों में इसके 10 हजार रुपए प्रति टन पहुंचने के आसार हैं। जिसके बाद धनिए का दाम 6 साल के उच्चतम स्तर को भी तोड़ सकता है। आपको बता दें कि जून 2015 में धनिया 13,400 रुपए प्रति टन पर पहुंच गया था।

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क्या कहते हैं जानकार?
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि इस साल धनिए का इंपोर्ट काफी कम है। साथ ही देश में प्रोडक्शन भी पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। आंकड़ों की मानें तो 2021-22 में धनिए का प्रोडक्शन 3,42,435 मिट्रिक टन होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले साल 352,316 मिट्रिक टन का प्रोडक्शन देखने को मिला था। वहीं महाराष्ट्र में एक बार फिर से प्रतिबंध लगने से सप्लाई में असर देखने को मिला है। वहीं फ्रेट इंडेक्स में इजाफा होने के कारण भी धनिए की कीमत में इजाफा देखने को मिल रहा है।

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