संभाग के 22 हजार व्यापारियों ने नहीं किया टैक्स भुगतान , विभाग की बढ़ी मुसीबत, पढ़े पूरी खबर

जीएसटी को लेकर उलझा वाणिज्यिक कर विभाग, संभाग में व्यापारियों की संख्या 42 हजार, प्रदेश का आंकड़ा 1.25 लाख से अधिक

बिलासपुर . व्यापारियों के डिफाल्टर होने का सिलसिला जारी है। संभाग के 22 हजार व्यापारियों ने जीएसटी का भुगतान नहीं किया है। इससे वसूली को लेकर विभाग की मुसीबतें बढ़ गई हैं। नवंबर के बाद दिसंबर में भी इतनी बड़ी संख्या में व्यापारियों द्वारा टैक्स का भुगतान नहीं होने से वाणिज्यिक कर विभाग लक्ष्य से लगातार पिछड़ रहा है। पेनाल्टी की तमाम कार्रवाइयों के बावजूद विभाग अपेक्षाकृत तेजी नहीं ला पाया है। जबकि संभाग में रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या जुलाई के बाद से लगातार बढ़ रही है। अब ये संख्या बढ़कर 42 हजार तक पहुंच गई है। विभाग का कहना है कि व्यापारियों में कर नहीं जमा करने की प्रवृत्ति जीएसटी लागू होने के बाद बढ़ी है। नवंबर महीने में भी 22 हजार 895 व्यापारियों द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान नहीं किया गया। दिसंबर महीने में भी संभाग क्रमांक 1 और 2 से विभाग को महज 50 करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है। जीएसटी के नियमानुसार महीने की 20 तारीख तक व्यापारियों को कर की राशि जमा करनी होती है। लेकिन संभाग के 50 प्रतिशत से अधिक व्यापारियों द्वारा कर जमा नहीं करने पर विभाग ने उन्हेंं डिफाल्टरों की लिस्ट में डाल दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश के कारोबारियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है, 80 प्रतिशत तक कारोबारी बढ़ गए हैं। आंकड़ों में देखें तो ये संख्या 1.25 लाख से अधिक हो गई है। लेकिन टैक्स जमा करने में 50 प्रतिशत से अधिक व्यापारी रुचि नहीं दिखा रहे।
जुलाई के बाद से टैक्स जमा करने की रफ्तार है सुस्त: बिलासपुर संभाग का ही मामला लें तो जुलाई के बाद से अब तक किसी भी महीने में कर जमा करने वालों की संख्या शत-प्रतिशत तो दूर इसके आसपास भी नहीं है। आंकड़े हर महीने गिरते जा रहे हैं। जुलाई में पंजीकृत व्यपारियों में से टैक्स जमा करने वालों की संख्या 80 प्रतिशत थी। यह अगस्त में घटकर 70 और सितंबर में 65 प्रतिशत रह गई। अक्टूबर में 60 और नवंबर में तो महज 45 प्रतिशत व्यापारियों द्वारा कर जमा किया गया है, कमोबेश यही स्थिति दिसंबर की है।
20 से 50 रुपए प्रतिदिन जुर्माना: वाणिज्यिक कर विभाग ने कारोबारियों को चेतावनी जारी कर कहा है कि महीने की 20 तारीख तक कर जमा नहीं करने पर 20 लाख सालाना से कम का कारोबार करने वाले व्यापारियों को प्रतिदिन 20 रुपए का जुर्माना लगेगा। साथ ही 20 लाख रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले व्यवसायियों को 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। 18 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान अलग से देय होगा।
जीएसटी नंबर लेने के बाद व्यापारियों द्वारा कर का भुगतान नहीं करना दंडनीय है। फिलहाल 20 से 50 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना कर छोड़ दिया जा रहा है। आगामी दिनों में पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में शीघ्र ही सर्कुलर जारी होगा।
टीएल ध्रुव, उपायुक्त, वाणिज्यिक कर विभाग, बिलासपुर
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