पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर में शनिवार को धरना दिया। उन्होंने किसानों को मांगें पूरा करने और उन्हें शीघ्र मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रही भारी बारिश के कारण मंदसौर, नीमच और रतलाम में बाढ़ से हालात बिगड़ गए थे। इस दौरान किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। शिवराज ने मीडिया से कहा कि किसान अब कर्ज वापिस करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए तत्काल कर्ज माफ करना चाहिए।
कलेक्टर आफिस के बाहर धरने पर बैठे शिवराज
भाजपा नेता मंदसौर कलेक्टर के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने इस दौरान जनता की अदालत भी लगाई। इस दौरान उन्होंने जनता का संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन ने धारा 144 लगाई है अब वो चाहे तो 288 भी लगा दे। लेकिन, बाढ़ पीड़ितों की लड़ाई पूरी लड़ूंगा। चौहान ने कहा कि हंगामा खड़ा करना मकसद नहीं, बाढ़ पीड़ितों की मदद होना चाहिए। यदि मैं सीएम होता तो अब तक खाते में पैसा आ गया होता।
और क्या कहा शिवराज ने
मंदसौर के ग्राम रामगरी के किसान पन्नालाल पाटीदार ने शिवराज सिंह चौहान को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनकी सोयाबीन समेत अन्य फसलें नष्ट हो गईं तथा मकान ढह गया लेकिन कोई भी सरकारी व्यक्ति मदद के लिए नहीं आया।
मंदसौर के ग्राम जमुनिया मीणा के प्रभुलाल रावत ने शिवराज के समक्ष अपनी समस्या रखते हुए मांग की कि सरकार जल्द से जल्द उनके नुकसान का आंकलन करे और मदद पहुँचाएं। मंदसौर में बाढ़ के कारण नागरिकों के घर बह गए, व्यापारियों की दुकान का सामान नष्ट हो गया और किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं।