यहां 900 विद्याथियों को रोज रहता है प्राचार्य के मैसेज का इंतजार

हर सुबह नया प्रश्न, ड्यूटी के बाद रात को स्कोरिंग

<p>यहां 900 विद्याथियों को रोज रहता है प्राचार्य के मैसेज का इंतजार</p>
गरोठ.
जिले के 900 से ज्यादा विद्यार्थियों को गरोठ महाविद्यालय के प्राचार्य के मैसेज का इंतजार हर रोज रहता है। स्वाभाविक है दिमाग में यह बात आना कि ये प्राचार्य मैसेज में ऐसा क्या भेजते है। जिसका इंतजार जिले के कई महाविद्यालयों के छात्र करते है। गरोठ के एसएन महाविद्यालय के प्राचार्य एनके धनोतिया ने शासन की मोबाईल योजना में नवाचार करते हुए एसएनयू मोबाईल ई-क्लासेस जनवरी माह से शुरू की है। जिसमें सोशल मीडिया पर जिले के महाविद्यालयों के करीब 900 से अधिक विद्यार्थियों को जोड़ा और प्रतिदिन मैसेज के माध्यम से प्रश्न करना शुरू कर दिए।
सिलेबस, सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर से जुड़े प्रश्न
प्राचार्य एनके धनोतिया ने अपने नवाचार को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रों से प्रश्न करना 6 जनवरी 2018 से शुरू किए। जिसमें सिलेबस, सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर से जुड़े प्रश्न सोशल मीडिया पर मैसेज पर छात्रों से पूछे जाते है। सुबह 6 बजे पूछे गए प्रश्न की स्कोरिंग प्राचार्य अपनी ड्यूटी के बाद रात करीब 8 बजे करते है। जिसमें डायरी में प्रतिदिन प्रति प्रश्न के टॉप 10 छात्र चयनित करते है। माह के अंत में एक बार फिर से पूरे माह के प्रश्नों के दिए गए उत्तरों की समीक्षा कर पूरे माह के टॉप 10 विद्यार्थियों को चयनित करते है। इनमे से कई छात्र-छात्राओं को प्राचार्य द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
गरोठ में 250, जिले में 900
प्राचार्य द्वारा अपने नवाचार में सोशल मीडिया पर गरोठ में 250 सहित पूरे जिले में करीब 900 विद्यार्थियों को जोड़ा है। जिसमें गरोठ, शामगढ़, सुवासरा, भानपुरा, मंदसौर और पिपलियामंडी महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं सम्मिलित है। जिसमें प्राचार्य करीब ढाई माह पूर्व से भूगोल के प्रश्नों को भी सम्मिलित किया है। अब प्रतिदिन दो प्रश्न विद्यार्थियों को दिए जाते है। प्राचार्य द्वारा अब तक भूगोल के 81 और अन्य विषयों और मुद्दों पर करीब 155 से अधिक प्रश्न छात्रों को दिए जा चुके है। प्राचार्य द्वारा प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन सभी को भेजे जाते है। जिससे वे खुद अपनी स्कोरिंग कर सकें।
नहीं करते मैसेज तो आने लगते है फोन
प्राचार्य एनके धनोतिया ने पत्रिका को बताया कि जनवरी में शुरू किए इस नवाचार को कुछ ही महीनों में इतना अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा। यह सोचा नहीं था। आज यह स्थिति है की किसी दिन प्रश्न देने में लेट या नहीं भेज पाता हूँ तो छात्रों के फोन और मैसेज प्रश्न के लिए आना शुरू हो जाते है। हमारा उद्देश्य इस नवाचार से बस इतना है कि शासन विद्यार्थियों को जो हर वर्ष फ्री मोबाईल दे रही है। उसका वे सदुपयोग करें। इंटरनेट पर प्रश्नों के उत्तर ढूंढे। इससे उनका ही नॉलेज बढ़ेगा।
 
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