क्या है मामला, न्यायालय ने क्यों सुनाई संस्था के प्रबंधक को सजा

क्या है मामला, न्यायालय ने क्यों सुनाई संस्था के प्रबंधक को सजा

<p>क्या है मामला, न्यायालय ने क्यों सुनाई संस्था के प्रबंधक को सजा</p>

मंदसौर.
जिले के भावगढ़ की कृषि साख सहकारी संस्था समिति के प्रबंधक को रुपयों की हेराफेरी के मामलें में १ साल की सजा के साथ ही 5 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। जानकारी के अनुसार भावगढ़ की संस्था में समिति प्रबंधक के पद पर पदस्थ आरोपी अशोक राय ने एक अन्य आरोपी गोवर्धनलाल पंवार के साथ मिलकर 10 जून-1922 से 7 अक्टूबर-1933 के बीच पद का दुरुपयोग करते हुए धोखाधड़ी करते हुए संस्था से क्रमश 24 हजार 880रुपए, 12 हजार 559 रुपए कुल 47 हजसा 439 रुपए बेईमानीपूर्वक उक्त राशि का गबन किया था। इस मामलें में वार्षिक ऑडिट के दौरान ऑडिटर द्वारा उक्त राशि का संस्थ से गलत ढंग से गबन होने की बात बताई गई। इस पर सहकारी संस्था के तत्कालीन प्रबंधक सत्यनारायण सेठिया द्वारा गबन के संबंध में जांच कर प्रकरण दर्ज करने हेतु भावगए़ थाना पर पत्र लिखा थ। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया थ। जांच के दौरान सत्यनारायण सेठिया द्वारा प्रस्तुत लेखा-जोखा से संबंधित रजिस्टर व अन्य दस्तावेज जप्त किए। प्रकरण में आरोपी आशेक राय के हस्ताक्षर लिए गए। इसे भोपाल में जांच हेतु भेजा गया। जांच रिपोर्ट में आरोपी अशोक राय द्वारा उक्त राशि का गबन करना पाया गया। इस मामलें में 7 जुलाई-2003 को न्यायालय में अभियोजन पत्र प्रस्तुत किया गया। इस मामलें में न्यायाधीश अनिरुद्ध जैन के यहां प्रकरण चल रहा था। न्यायालय ने दोनों आरोपी प्रबंधक अशोक पिता औंकारेश्वर राय व गोवर्धनलाल पिता रामलाल पंवार को दोषी मानते हुए 5-5 हजार रुपए के जुर्मान से दंडित करने के साथ ही 1-1 साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। जुर्माना ना चुकाने पर 2-2 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने की बात भी कही है। प्रकरण में संचालन एडीपीओ एसआर गरवान ने किया। जुर्माना ना चुकाने पर 2-2 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने की बात भी कही है। प्रकरण में संचालन एडीपीओ एसआर गरवान ने किया।

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