ये भी पढ़ें- सनसनीखेज : जुर्म को छिपाने बोरे में बांधकर कुएं में फेंक दी लाश, जानिए क्या है मामला
हर साल ऐसे ही मृत मिलती हैं मछलियां
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब शिवना नदी में प्रदूषण के कारण मछलियों की मौत हो रही है। हर साल ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ नदी में मछलियों के मरने का दौर शुरु हो जाता है, लेकिन सालों से शिवना के शुद्धिकरण और सौंदर्यीकरण के दावे कर रहे जवाबदार नालों का गंदा पानी जो नदी को प्रदूषित कर रहा है उसे रोक भी नहीं पाए और किसी भी स्तर पर नदी के कायाकल्प के लिए पहल तक नहीं कर पाए।
ये भी पढ़ें- ये हैं सोशल मीडिया के शातिर ठग, राजस्थान से पकड़कर लाई पुलिस
शुद्धिकरण के लिए 100 करोड़ की योजना को मंजूरी का इंतजार
वैसे तो दो दशक से शिवना शुद्धिकरण के लिए अनेक बार योजनाएं बनीं। लेकिन धरातल पर योजना कोई भी नहीं उतरी। अब पर्यावरण विभाग की इप्को की टीम ने करीब 100 करोड़ रुपए की योजना फिर से बनाई है जो शासन स्तर पर लंबित है। 100 करोड़ की योजना को मंजूर होने का इंतजार है और शिवना को शुद्ध और सौंदर्यीकरण का इंतजार है। स्थानीय स्तर पर शिवना में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए हर बार शासन स्तर पर लंबित योजना की बात कही जाती है। लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई भी प्रयास अब तक नहीं किए गए है। नालों का पानी भी नहीं रुक पा रहा है और नदी में फेंकी जा रही गंदगी भी नहीं रोकी जा रही है और इसी कारण नदी का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।
देखें वीडियो- महंगाई के खिलाफ युवा कांग्रेस ने घोड़ों पर सवार होकर किया प्रदर्शन