17 मिनट में शादी, बिना सात फेरे बने सात जन्मों के हमसफर

दहेज का बहिष्कार, पुस्तक से ली प्रेरणा

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भानपुरा. महंगे विवाह और फिजूलखर्ची के चलते कर्ज के बोझ के मामलों को एक अनोखे विवाह ने आइना दिखाया है। रामगंजमंडी में महज 17 मिनट में विवाह की रस्म पूरी हो गई और बिना 7 फेरे लिए वर-वधू सात जन्मों के बंधन में बंध गए। यही नहीं दहेज का सामाजिक बहिष्कार करते हुए विवाह बेहद सादगी से पूर्ण किया गया।
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परिजनों ने बताया कि भानपुरा तहसील के ग्राम ढाबला माधोसिंह निवासी मोतीलाल के पुत्र विकास दास का विवाह राजस्थान की रामगंजमंडी तहसील के गांव भीमपुरा निवासी मांगीलाल दास की पुत्री नेहा के साथ हुआ। महज 17 मिनट में विवाह संपन्न हो गया, यह विवाह अनोखे अंदाज में हुआ। संत रामपाल महाराज के सत्संग व उनकी लिखित पुस्तक जीने की राह से प्रेरणा पाकर गुरुवाणी के साथ सादगी से किया गया।
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इस विवाह मे दोनों तरफ से परिवारों की सहमति थी व दहेज का बहिष्कार कर बिना फेरों की रस्म के विवाह संपन्न हुआ। इस विवाह में प्रहलाद दास, रामलाल दास, सांवरलाल दास, भेरुदास, महेश दास, गिरधारी दास व वर-वधू के माता-पिता के साथ कुछ लोग ही मौजूद रहे।इस सादगीपूर्ण विवाह की खासी चर्चा है.
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देहज की कुप्रथा के खिलाफ पहल
तहसील सेवादार रामकिशन दास ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में ऐसे दहेज मुक्त विवाह करवाए जा रहे हैं। इस तरह की पहल से शादी की फिजूलखर्ची रूकेगी और अन्य लोग भी दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ आगे आकर सादगी से विवाह करेंगे।
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